यू.पी. की नौकरशाही आम आदमी पर पड़ रही भारी, आम आदमी हुआ हलकान

मेरठ,। मेरठ में एक मां को सारी रात अपनी मर चुकी बेटी को गोद में लिए अस्पताल के बाहर बैठे रहना पड़ा, क्योंकि वहां मौजूद एम्बुलेंस ड्राइवरों ने उसे उसके घर तक ले जाने से कथित रूप से मना कर दिया था।
महिला की पहचान इमराना के रूप में हुई है, और उसकी दो-वर्षीय बेटी पिछले हफ्ते गुजऱ गई थी। इमराना ने बताया कि एम्बुलेंस ड्राइवर ने लगभग 50 किलोमीटर दूर उसे उसके गांव तक ले जाने के लिए 1,000 से भी ज़्यादा रुपये की मांग की, जो उसके पास थे ही नहीं. इमराना ने कहा, एम्बुलेंस ने मुझसे मेरी बेटी की लाश को घर तक छोड़कर आने के लिए 1,500 रुपये मांगे थे… मैंने एम्बुलेंस हासिल करने के लिए 108 (हेल्पलाइन) पर फोन किया था। बताया गया है कि अगली सुबह उसकी मदद की गई, और उसे एक प्राइवेट एम्बुलेंस किराये पर लेकर दी गई। गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले ओडिशा में एक व्यक्ति की अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाए कई किलोमीटर पैदल चलने की तस्वीरें सामने आई थीं, जिसे अस्पताल ने शववाहन की सुविधा देने से इंकार कर दिया था. उसे शव उठाए हुए और सुबकती हुई बेटी के साथ चलते पत्रकारों ने देखा, और उसके लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी।

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