मेरठ: करोड़ों रुपए के स्कॉलरशिप घोटाले का पर्दाफाश, डीएम ने दिये जांच के आदेश

मेरठ। मेरठ में एक सिपाही के फर्जी आय प्रमाण पत्र के खुलासे से कालेजों में शुल्क प्रतिपूर्ति के नाम पर हो रहे करोड़ों के घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है। जिलाधिकारी के आदेश पर कॉलेजों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की जांच की जा रही है।इसकी शुरूआती जांच में ही दयानंद विद्यापीठ में सैकड़ो छात्रों की पासबुक मिलीं है जिन्हें कालेज प्रबंधन अपने पास रखता था और फर्जी दस्तावेजों के सहारे कॉलेज प्रबंधन स्कॉलरशिप में घोटाला कर रहा था।
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इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब बुलंदशहर निवासी सिपाही जगपाल ने अपने बेटे के लिए सरकारी स्कॉलरशिप लेने को फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाया और तीन साल तक लगातार उसे कालेज से स्कॉलरशिप दिलवाई। इस आय प्रमाण पत्र के मुताबिक सिपाही जगपाल की मासिक आय केवल ढाई हजार रूपये थी।
एक आरटीआई से मिली जानकारी से जब इस मामले का भंडाफोड़ हुआ तो डीएम बी.चन्द्रकला ने संबधित विभाग के अधिकारियों की टीमें बनाकर जिले में फर्जी दस्तावेजों से छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेजों की जांच कराई।
जांच करने जब अधिकारी मेरठ के दयानंद विद्यापीठ पहुंचे तो एक बड़े खेल का खुलासा हुआ। हैरत तो तब हुई जब छात्रवृत्ति से जुड़ी सैकड़ों पासबुक कॉलेज प्रबंधन के पास मिली। छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप अब इंटरनेट पर ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिये भेजी जाती है। और शासन से एप्रूव्ड एप्लीकेशन में भी वेरीफिकेसन का प्रावधान है।जिससे घोटाले की गुन्जाइश न रह जाये।
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डीएम बी.चन्द्रकला ने जिले के 34 अफसरों की टीम को इन कॉलेजों में भेजकर स्कॉलरशिप पाने वाले छात्रों का वेरीफिकेशन कराया है। अब तक मिली जांच रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर घपले पाये गये है। ज्यादातर कालेजों में पंजीकृत छात्रों की संख्या सैकड़ों में है जबकि स्कूलों में छात्र न के बराबर उपस्थित मिले।
जांच में कई ऐसे कॉलेजों के बारे में भी पता चला है जिनमें एक साल से टीचर तक नहीं आये हैं। ऐसे स्कूल छात्रों के फर्जी दाखिले दिखाकर करोड़ों रुपयों की स्कॉलरशिप का घोटाला कर रहे हैं।डीएम ने ऐसे कुछ कॉलेजों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है।
शुरुवाती जांच रिपोर्ट के आधार पर दयानंद विद्यापीठ के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया गया है। जिलाधिकारी की टीमें कई और कॉलेजों के फर्जीवाड़े को खंगाल रही हैं। अफसरों को आशंका है कि सालों से चल रहा स्कॉलरशिप घोटाला करोड़ों रुपये का हो सकता है।
Source: hindi.oneindia.com

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