पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण

रुद्रप्रयाग,। तल्लानागपुर क्षे. का बोरा गांव उपेक्षा का दंश झेल रहा है। यहां पीने के पानी की समस्या तो बनी हुई है, साथ ही प्रशासनिक उपेक्षा इस कदर हावी है कि अभी तक गांव वासियों को बीते सालों की सूखा राहत की धनराशि भी नसीब नहीं हो पायी है। ऐसे में लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति जनाक्रोश बना हुआ है।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन सिंह रावत ने बताया कि करीब ढाई सौ परिवारों का बोरा गांव पूरे जनपद में सर्वाधिक पेयजल संकट से ग्रस्त गांव है। यहां के लिए जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा तैयार करायी गयी योजनाएं पीने के पानी मुहैया नहीं करवा पा रही है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष पूर्व प्रदेश सकार द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्रों में आंकलन करवाकर सूखा राहत की धनराशि उपलब्ध करायी गयी थी। क्षेत्र के समीप वर्ती गांव गोरणा, चामक, बावई, चमस्वाड़ा आदि गांवों में आपदा राहत की धनराशि प्रभावित परिवारों को बांटी गयी, लेकिन बोरा गांव के लोगों को आज तक भी सूखा राहत की धनराशि नसीब नहीं हो पायी है। ग्राम प्रधान शकुन्तला देवी ने कहा कि चोपता राजस्व क्षेत्रान्तर्गत जब अन्य गांवों को राहत राशि पूर्व में बंट चुकी है तो बोरा गांव वासियों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार ग्रामीणों को आंदोलन के लिए उगसाना मात्र है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का यह गांव पलायन जैसी भयावह समस्या को आयना दिखा रहा है। यहां पलायन ना के बराबर है। ऐसे में इस गांव को विशेष योजनाएं दी जानी चाहिए, ताकि अन्य गांव भी प्रेरणा ले सकें। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन सिंह रावत एवं ग्राम प्रधान शकुन्तला देवी ने जिला प्रशासन से मांग की कि गांववासियों को तत्काल बीते वर्षों की सूखा राहत राशि वितरण करवायी जाय तथा विलम्ब के लिए जिम्मेदारी तय कर दोषियों को सजा दी जाय, ताकि भविष्य में सरकार क जनोपयोगी योजनाओं को लाभ ग्रामीणों को मिल सके।

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