पहले दौरे से पहले पीएम मोदी का एक फैसला कर सकता है इजरायल को नाराज
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता संभालने के बाद पहली बार इजरायल के दौरे पर जाने वाले है। इजरायल पिछले ढाई वर्षों से जो इजरायल पीएम मोदी का इंतजार कर रहा है, वही इजरायल उनके एक कदम से नाराज हो सकता है। पीएम मोदी इजरायल रवाना होने से पहले फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की आगवानी करेंगे।
वर्ष 1992 के बाद किसी पीएम का दौरा
पीएम मोदी इस वर्ष के मध्य में इजरायल जाएंगे और यह वर्ष 1992 के बाद पहली बार होगा जब भारत का कोई प्रधानमंत्री इजरायल का दौरा करेगा। पीएम मोदी शायद एक डिप्लोमैटिक संतुलन के तहत फिलीस्तीन के राष्ट्रपति से भारत में मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने जहां पश्चिम एशिया में रिश्तों को मजबूत करने की पहल को तवज्जो दी हुई है तो वहीं उन्होंने अरब देशों और ईरान के साथ भी रिश्तों में मजबूती की पहल की है। इजरायल के साथ मजबूत रिश्तों के अलावा पीएम मोदी इस क्षेत्र में ऊर्जा और मानव संसाधन को भी सुरक्षित रखने का मकसद रखते हैं। महमूद अब्बास पहले भी भारत का दौरा कर चुके हैं लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में यह उनका पहला भारत दौरा है। वर्ष 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जरूर फिलीस्तीन की यात्रा पर गए थे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसके साथ ही इजरायल का दौरा भी किया था।
पाक नहीं जाएंगे महमूद अब्बास
महमूद अब्बास के इस भारत दौरे की खास बात यह है कि वह पाकिस्तान नहीं जाएंगे। हालांकि उन्होंने पहले की पाकिस्तान का दौरा कर लिया है। रणनीतिक संबंधों के जानकार मानते हैं कि पश्चिम एशिया, खाड़ी और इजिप्ट जैसे देशों के नेता अब सिर्फ भारत दौरे का तरजीह दे रहे हैं। बदलाव की वजह भारत की बढ़ते आर्थिक कद के साथ ही आतंकवादियों की अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ती मौजूदगी भी है। फिलीस्तीनी राष्ट्रपति का यह दौरा पिछले वर्ष भारत-फिलीस्तीनी ज्वॉइन्ट कमीशन की मुलाकात के बाद हो रहा है। पिछले वर्ष फ्रांस ने पेरिस में इजरायल और फिलीस्तीन की भागीदारी वाली एक कांफ्रेंस का आयोजन भी किया था। पीएम मोदी, भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय संबंधों के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर इजरायल जाएंगे।
Source: hindi.oneindia.com