दोपहर ढाई बजे बाद हेमकुंड साहिब नहीं जा सकेंगे तीर्थयात्री
गोपेश्वर(चमोली) : श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में दो दिन के भीतर दस हजार यात्री अरदास कर चुके हैं। हालांकि, यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने दोपहर ढाई बजे के बाद गोविंदघाट व घांघरिया से हेमकुंड साहिब जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद इसके शुक्रवार को 2070 यात्रियों ने हेमकुंड साहिब में दर्शन किए।
गोविंदघाट में सरकार की ओर से यात्रियों का फोटोमैट्रिक पंजीकरण कराया जा रहा है। साथ ही गुरुद्वारा प्रबंधन ने भी अपने स्तर से पंजीकरण शुरू कर दिया है। ताकि गुरुद्वारा के पास यात्रियों का सही आंकड़ा व लोकेशन रहे। घांघरिया में भी गुरुद्वारे के स्वयं सेवक पंजीकृत यात्रियों की गिनती कर रहे हैं। पंजीकरण की अनिवार्यता इसलिए की गई है, क्योंकि गोविंदघाट को छोड़कर हेमकुंड वैली में कहीं भी संचार व्यवस्था नहीं है। जबकि, यात्रियों की सुरक्षा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पहली प्राथमिकता है।
गुरुद्वारा गोविंदघाट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर श्रद्धालु खासे उत्साहित हैं। दो दिन में दस हजार से अधिक यात्री यहां पहुंच चुके हैं। जबकि दो हजार से अधिक यात्री वाहन न मिलने के कारण ऋषिकेश में रुके हुए हैं। बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर दोपहर ढाई बजे के बाद उन्हें हेमकुंड साहिब आने की अनुमति नहीं है। इसलिए दोपहर बाद आने वाले यात्रियों को गोविंदघाट व घांघरिया में ही रोक दिया जा रहा है।
बर्फ के बीच से गुजरना अनूठा अनुभव
श्री हेमकुंड साहिब जाने के लिए अटलाकोटी से आगे यात्रियों को बर्फ के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है। यह यात्रियों के लिए कभी न भुलाने वाला अनुभव है। रोहिणी (नई दिल्ली) निवासी जितेंद्र सिंह तनेजा परिवार सहित हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए हैं। उनका कहना है कि मई में बर्फ के बीच यात्रा की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
सचमुच यह देवभूमि है। लुधियाना (पंजाब) के ग्राम जठाणा निवासी कुलविंदर सिंह भी अपने दोस्तों के साथ हेमकुंड यात्रा पर आए हैं। कहते हैं हेमकुंड में बर्फ के बीच गुरुजी की अरदास का आनंद ही कुछ और था। अब वह अन्य रिश्तेदारों को भी यहां भेजेंगे, ताकि वे अपनी आंखों से प्रकृति के इन खूबसूरत नजारों का दीदार कर सकें।
हेलीकॉप्टर सेवा भी सुचारु
श्री हेमकुंड साहिब के लिए गोविंदघाट से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गई है। जो हेमकुंड साहिब के बेस कैंप घांघरिया के कांजला हेलीपैड तक है। बड़ी तादाद में यात्री हेली सेवा का लाभ ले रहे हैं।