दूसरे दिन भी जारी रखा सदन का बहिष्कार

देहरादून, । राज्य विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन बगैर विपक्ष के चला। विपक्ष ने सरकार व स्पीकर पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए सदन का बहिष्कार किया। विपक्षी सदस्यों ने सदन के बाहर मुंह पर काली पट्टी बांधकर सीढ़ियों पर धरना दिया। सरकार ने सदन में विपक्ष की गैरमौजूदगी में ही विधेयक व प्रस्ताव पारित करा दिए। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही नेता सदन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सदन में दो प्रस्ताव रखे। इन दो प्रस्तावों में एक उत्तर प्रदेश के एक भाजपा नेता द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ की गई अशोभनीय टिप्पणी पर निंदा प्रस्ताव और दूसरा सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब लोगों को भी आरक्षण दिए जाने संबंधी प्रस्ताव शामिल हैं। इन दोनों प्रस्तावों को सदन ने पारित कर दिया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सदन में निंदा प्रस्ताव रखते हुए कहा कि भाजपा नेता द्वारा मायावती पर की गई अशोभनीय टिप्पणी महिलाओं और दलित समाज का अपमान है। सीएम हरीश रावत ने कहा कि मायावती के खिलाफ एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि द्वारा ऐसी टिप्पणी निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस अमर्यादित, असंसदीय व अशोभनीय टिप्पणी की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। सीएम के इस प्रस्ताव के समर्थन में कांग्रेस विधायक नवप्रभात और बसपा विधायक हरिदास ने भी अपने विचार रखे। सदन ने इस निंदा प्रस्ताव को पारित कर दिया। नेता सदन सीएम हरीश रावत द्वारा सदन में रखे गए दूसरे प्रस्ताव में उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए भी केंद्र सरकार को आरक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए। इस प्रस्ताव को भी सदन ने पारित कर दिया। सीएम हरीश रावत का कहना था कि राज्य कैबिनेट ने प्रदेश में रिक्त पड़े बैकलाॅग के पदों को भरने के लिए तीन माह तक भर्ती अभियान चलाने का निर्णय लिया है। सरकार ने इस संबंध में सभी विभागों को निर्देशित कर दिया है। सीएम ने कहा कि दिव्यांगों का कोटा भी भरा जाएगा।

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