जीएसटी (GST) : 66 चीजों की दरों को कम किया; इंसुलिन-सीसीटीवी का स्लैब घटाया; यह है कारण

नई दिल्ली: 1 जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू होने से कुछ सप्ताह पहले सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कई वस्तुओं के टैक्स स्लैब घटा दिए हैं जिन्हें पहले अपेक्षाकृत ज्यादा रखा गया था. दरअसल, विभिन्न उद्योगों की मांग पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर केंद्र तथा राज्यों के अधिकार प्राप्त मंच ने 66 तरह की वस्तुओं पहले निर्धारित टैक्स की दरों में संशोधन कर उन्हें कम रखने का फैसला लिया. जीएसटी में चार स्तर की, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें निर्धारित की गई हैं.

उद्योग जगत ने जीएसटी परिषद के इस फैसले का स्वागत किया क्योंकि यह खास तौर से, SME सेक्टर यानी सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों के लिए फायदेमंद है. सीबीईसी ने ट्वीट करके कहा- काउंसिल द्वारा जिन वस्तुओं के दाम कम किए गए हैं उनमें से महत्वपूर्ण वस्तुओं की सूची में हैं- स्कूल बैक, एक्सरसाइज बुक्स. पढ़ेगा इंडिया तो बढे़गा इंडिया!

जीएसटी परिषद की रविवार को हुई 16वीं बैठक में 133 वस्तुओं में से उन 66 पर जीएसटी दरें घटा दी गईं. इस महीने की शुरुआत में परिषद की 15वीं बैठक में श्रीनगर में 1,211 वस्तुओं पर फैसला किया गया था. इसके बाद सोना व बीड़ी सहित छह बाकी बची वस्तुओं पर फैसला लेने के लिए इसे आयोजित किया गया था. परिषद के प्रमुख, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अधिकारियों की समिति जरूरत पड़ने पर विभन्न व्यापार और उद्योग संघों से प्राप्त सिफारिशों के आधार पर दर समायोजन की जांच करेगी. उनकी सिफारिशों पर रविवार को परिषद में चर्चा हुई है.

जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, प्राप्त 133 सिफारिशों पर विचार किया गया और अधिकारियों की समिति ने अपनी सिफारिशें दी. मंत्री ने स्पष्ट किया कि दो उद्देश्यों को ध्यान में रखकर दर घटाने पर विचार किया गया. मौजूदा करों को एक समान बनाए रखना था और कुछ दूसरे मामलों में इस निर्धारण ने समानता के सिद्धांत का उल्लंघन किया था. अन्य में इस कमी की जरूरत अर्थव्यवस्था की बदलती प्रकृति और उपभोक्ता की बदलती वरीयता के कारण पैदा बदलावों के कारण पड़ी.

उन्होंने बताया- काजू पर कर घटाकर उसे 12 से पांच फीसदी कर दिया गया है. भोजन एवं सब्जी उत्पाद जैसे पैकिंग वाले खाद्य पदार्थो यानी अचार, चटनी, कैचप और इंस्टैंट भोजन मिश्रणों पर ऐतिहासिक रूप से रहे 18 फीसदी कर को घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया, क्योंकि इन वस्तुओं का आम आदमी उपयोग करता है.

कटलरी पर कर 18 से घटकर 12 फीसदी हो जाएगा जबकि कंप्यूटर प्रिंटर्स पर भी कर 28 से कम होकर 18 फीसदी हो जाएगा. इंसुलिन और अगरबत्ती पर कर घटकर 12 से पांच फीसदी होगा. जेटली ने कहा कि दूसरी वस्तुओं में स्कूल बैग पर कर 28 से घटकर 18 फीसदी हो जाएगा, जबकि अभ्यास पुस्तिका पर 18 फीसदी से कम होकर 12 फीसदी होगा. मनोरंजन कर पर फिल्म उद्योग के आग्रह के बाद जीएसटी परिषद ने दो स्लैब संरचना वाले सिनेमा टिकट का फैसला किया है. 100 रुपये से कम कीमत वाले टिकट पर 18 फीसदी कर होगा, जबकि इससे अधिक कीमत वाले टिकट पर 28 फीसदी कर लगेगा.

हीरा, चमड़ा, वस्त्र, आभूषण और छपाई जैसे सेक्टर में आउटसोर्सिग के रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए जीसटी दर घटा कर पांच फीसदी किया गया है. इसके अलावा 75 लाख रुपये तक के कारोबार वाले व्यापारी, विनिर्माता और रेस्तरॉ कंपोजीशन योजना का लाभ उठा सकते हैं, जबकि पहले यह योजना 50 लाख रुपये तक के कारोबार के लिए थी.

लॉटरी और ई-वे बिल दो विशिष्ट मुद्दे हैं, जिन्हें परिषद की 18 जून को होने वाली अगली बैठक में उठाया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के लिए तैयार हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की व्यवहार्यता पर गंभीर संदेह जताया है और इसे एक महीने टालने का प्रस्ताव दिया है.

मित्रा ने परिषद की 16वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, मैंने एक चेतावनी भी (जीएसटी परिषद की बैठक में) जोड़ी है कि एक जुलाई को काफी मुश्किल दिखता है लेकिन आप दुनिया की सबसे बड़े वित्तीय सुधार जीएसटी के लिए किफायती नवाचार नहीं कर सकते. आप एक जुलाई से जीएसटी शुरू करने जा रहे हैं इसलिए मेरा कहना है कि हम ऐसा कुछ करने के लिए किफायती नवाचार न करें, जो विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय सुधार है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के एक महीने या उसके बाद टालने में कोई नुकसान नहीं है.

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