ग्रामीण दूरस्थ क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली सशक्त होः निशंक

नई दिल्ली/देहरादून,। सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, सांसद हरिद्वार एवं पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने आज लोक सभा में प्रश्नकाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के विषय में चिंता प्रकट करते हुए पूछा कि देश के विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कितनी दुकानें हैं।
उन्होंने देश के दूर-दराज, ग्रामीण, पिछड़े, सीमावर्ती इलाकों में पर्याप्त उचित दर की दुकानें खोले जाने की मांग करते हुए सरकार से पूछा कि सरकार ने क्या सभी वार्डो में ग्रामपंचायतों में नई दुकानें खोलने का निर्देश दिया है तथा क्या सरकार द्वारा दुर्गम, पिछड़े क्षेत्रों में गरीबों को पर्याप्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। देश के विभिन्न राज्यों में भंडारण हेतु नए गोदाम खोलने की जानकारी मांगते हुए डा0 निशंक ने कहा कि खाद्य पदार्थो की उपलब्धता एवं गुणवत्ता अत्यन्त आवश्यक है। डा0 निशंक के प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री ने बताया कि 75 प्रतिशत तक की ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत तक शहरी आबादी को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राजसहायता प्राप्त मूल्यों पर खाद्यान्न प्राप्त करने की पात्रता प्रदान की गयी है। इस प्रकार 2011 की जनगणना के अनुसार दो तिहाई आबादी को कर किया गया है। देश के राज्यों में वितरण निर्गम सहित लक्षित प्रणाली में अनियमितता की शिकायतों के विषय में मंत्रालय ने अवगत कराया कि उन्हें जांच और समुचित कार्यवाही हेतु राज्यों को भिजवा दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि सार्वजनिक निजी भागीदारी से देश के भंडारण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की गयी है। मंत्रालय ने बताया कि उत्तराखंड में 9158 उचित दर की दुकानें हैं जबकि पूरे देश में 5 लाख 32 लाख 102 दुकानें हैं। भंडारण डिपो की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि देश में 1872 भंडारण डिपो हैं जिसमें कि उत्तराखंड के 18 भी शामिल हैं ।

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