गोरखपुर: दलबदलुओं को टिकट, कुर्बानी की आशंका से घबराए भाजपा नेता
गोरखपुर। भाजपा द्वारा जारी प्रत्याशियों की पहली सूची में उम्मीदवारों को लेकर कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध देखने को मिला। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी द्वारा यूपी और उत्तराखंड में घोषित उम्मीदवारों की सूची में अन्य पार्टियों से आए नेताओं को वरीयता दिए जाने से भाजपाईयों में काफी उथल-पुथल की स्थिति हो गई है। कहीं भाजपा को बागियों से खतरा है तो कहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष ने ही जिले की कई सीटों पर अन्य दलों से आए नेताओं को पार्टी का टिकट दिए जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि पूर्वी उत्तरप्रदेश की पांच सीटों पर अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देकर आलाकमान ने उनके टिकट कटने को लेकर चल रही सभी अटकलों को खारिज कर दिया है। शायद इसी पेंच को सुलझाने के लिए सोमवार को भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ अचानक दिल्ली पहुंचे। ये भी पढ़ें: यूपी विधानसभा चुनाव 2017: मुस्लिम वोटरों के लिए मायावती ने चला ऐसा दांव, विरोधी हो जाएंगे चित
बता दें कि टिकट बंटवारे के समय नेताओं द्वारा पार्टी बदलने का इतिहास पुराना है। विधायक कभी इस दल से तो कभी उस दल से टिकट पाने में सफल रहते हैं। वहीं, दलों का झंडा ढोने वाले कार्यकर्ता हर बार ठगे जाते हैं। यूपी में सरकार बनाने का ख्वाब देख रही भाजपा की पहली सूची में अन्य पार्टी से आये विधायकों का नाम देख कार्यकर्ता अगली सूची में दल-बदलुओं के टिकट की कयासबाजी मे मशगूल हो गये हैं।
वहीं, पूर्वांचल की दर्जनों सीटों पर दलबदलू पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ने की संभावना जताई जा रही है। भाजपा कार्यकर्ता चुने हुए उम्मीदवारों को टिकाऊ न होने का आरोप लगा रहे हैं। सीटों को क्रमवार देखा जाये तो गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज पर भाजपा के पूर्व प्रदेश सचिव समीर सिंह समेत चार लोग दावेदार हैं। लेकिन, विधायक फतेह बहादुर सिंह अब भाजपा से दावा कर रहे हैं। चिल्लूपार सीट से बसपा छोड़कर भाजपा में आए विधायक राजेश त्रिपाठी को कमल का निशान मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। यहीं से कुल छह उम्मीदवारों की दावेदारी है।
पिपराइच से अपराधिक मामलों में लिप्त पूर्व मंत्री पप्पू जायसवाल की पत्नी अनीता जायसवाल भाजपा में आना चाहती हैं। यहां, योगी समर्थक महेन्द्र पाल समेत कई दावेदार कतार में हैं। कई पार्टियों से चुनाव लड़ चुके कौड़ीराम के पूर्व विधायक अम्बिका सिंह के पुत्र विपिन सिंह गोरखपुर ग्रामीण से दावेदार हैं। यहां, भी भाजपा से कई दावेदार हैं। कुशीनगर जिला की खड्डा सीट से कांग्रेस विधायक विजय दुबे, पडरौना से बसपा विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य अब भाजपा मे आ चुके हैं। जाहिर है कि यहां भाजपा कार्यकर्ताओं को कुर्बानी देनी होगी।
देवरिया जिला की बरहज, भाटपार रानी और रामपुर कारखाना सीट पर क्रमश: बसपा विधायक सुरेश तिवारी, रमेश मौर्य आदि टिकट के नये दावेदार हैं। बस्ती जिला की रूधौली सीट पर अब कांग्रेस छोड़कर आए विधायक संजय जायसवाल के सामने भी अनुराधा चौधरी समेत कई भाजपा नेता टिकट की लाइन मे हैं। सिद्धार्थनगर जिला की शोहरतगढ़ सीट पर बसपा से आए चौधरी अमर सिंह नए दावेदार हैं। यहां से सांसद पंकज चौधरी की बहन साधना चौधरी चुनाव लड़ती रही हैं। डुमरियागंज सीट पर योगी आदित्यनाथ की हिन्दु युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेन्द्र सिंह पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी थे। इस बार वहां से बसपा सरकार मे दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री राजू श्रीवास्तव ने भाजपा से दावेदारी की है। ये भी पढ़ें: यूपी चुनाव: बीएसपी से बीजेपी में स्वामी प्रसाद मौर्य टिकट बंटवारे से हुए नाराज
Source: hindi.oneindia.com