कूड़ा निस्तारण का सही प्रबंधन करे कैंप संचालक
ऋषिकेश : गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में कैंप संचालित करने वाले पर्यटन व्यवसायियों के साथ अपर आयुक्त ने बैठक कर उन्हें कैंपों में कूड़ा निस्तारण व अवशिष्ट निस्तारण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने सरकार द्वारा हाल में ही पर्यटकों के लिए खोले गए द्रोणागिरी ट्रैक पर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देते हुए पर्यटन व्यवसायियों से पर्यटकों को द्रोणागिरी ट्रैक के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आह्वान किया।
सोमवार को अपर आयुक्त डॉ. हरक ¨सह रावत ने मुनिकीरेती नगर पालिका सभागार में पर्यटन व्यवसायियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि पर्यटन उत्तराखंड की रीढ़ है और हमें पर्यटकों और अधिक सुविधाएं और सुरक्षा उपलब्ध करानी होंगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास के साथ पर्यावरण को भी बचाए रखना हमारी बड़ी जिम्मेददारी है, इसके लिए पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों को जागरूक होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के कारणों से ही गंगा तट पर होने वाली बीच कैं¨पग पर एनजीटी ने रोक लगाई है, अब भी हमें अन्य पर्यटन गतिविधियों को तालमेल के साथ आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में निजी व वन भूमि पर संचालित हो रहे कैंपों में बेहतर अवशिष्ट निस्तारण व कूड़ा प्रबंधन के उपाय करने की अपील की। हरक ¨सह रावत ने पर्यटन व्यवसायियों को द्रोणागिरी ट्रैक पर उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा द्रोणागिरी ट्रैक को 27 मई से 21 अक्टूबर तक के लिए पर्यटकों के लिये खोला गया है। ट्रैक पर पर्यटकों के लिए आवास व अन्य मूलभूत सुविधाओं का विकास किया गया है। उन्होंने पर्यटन व्यवसायियों से द्रोणागिरी ट्रेक को पहचान दिलाने व पर्यटकों को प्रेरित करने की अपील की। इस दौरान पर्यटन व्यवसायियों ने भी अपर आयुक्त को विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए आवश्यक सुझाव दिए। बैठक में उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर लक्ष्मीराज चौहान, यूएफओ के अध्यक्ष देवेंद्र ¨सह रावत, वेद प्रकाश मैठाणी, योगेश बहुगुणा, बुद्धि ¨सह नगी, धर्मेंद्र ¨सह नेगी, दिनेश कठैत, र¨वद्र रवानी, उमेश रावत, अविनाश भारद्वाज आदि उपस्थित थे।