कश्मीर में लड़कियां भी अब पत्थरबाजी में उतरीं, घाटी के स्कूल-कॉलेज बंद
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के हालात सुधरने के बजाया दिन पर दिन और बिगड़ते जा रहे हैं। सोमवार को हैरान करने वाली घटना में राजधानी श्रीनगर के सरकारी स्कूल के बच्चों ने भी सुरक्षाबलों पर पत्थर बरसाएं। और भी हैरानी उस समय हुई जब इस समूह में लड़कियां भी शामिल थीं। मंगलवार को घाटी के स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अब राष्ट्रपति शासन की मांग कर डाली है।
श्रीनगर से लेकर सोपोर तक पत्थरबाजी
सोमवार को जो पत्थरबाजी हुई उसमें 60 छात्रों का समूह था और इस समूह ने जमकर पत्थरबाजी की। सरकार की ओर से सिर्फ प्राइमरी स्कूलों को छोड़कर सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का फैसला किया गया है। पुलिस की ओर से छात्रों पर टीयर गैस और मिर्ची ग्रेनेड फेंके गए। कुपवाड़ा से लेकर सोपोर तक और श्रीनगर से कुलगाम तक स्कूल की यूनिफॉर्म में छात्रों ने स्कूल की यूनिफॉर्म पत्थरबाजी में शामिल थे। वहीं पुलवामा सरकारी कॉलेज के छात्रों पर पुलिस को एक्शन लेना पड़ा और इसमें 50 छात्रों के घायल होने की खबरें हैं। अधिकारियों की ओर से जो जानकारी दी गई है कि उसके मुताबिक सोमवार को जो विरोध प्रदर्शन हुआ उसे एक ऐसे छात्र संगठन ने अंजाम दिया जिसके बारे में ज्यादा किसी को कुछ भी नहीं मालूम नहीं है। कश्मीर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (कुसू) की ओर से इस विरोध प्रदर्शन को आयोजित किया गया था। जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री की ओर से बताया गया है कि सरकार ने एतिहायतन सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का फैसला किया है।
कई छात्र घायल
श्रीनगर में एसपी कॉलेज और सरकारी महिला कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने आजादी के नारों के अलावा भारत-विरोधी नारे लगाए और उन्होंने श्रीनगर की मेन एमए रोड को ब्लॉक कर डाला था। यह कदम उन्होंने पुलवामा में पुलिस एक्शन के विरोध में उठाया। पुलिस को यहां पर वॉटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा और छात्रों की भीड़ को हटाने के लिए टीयर गैस का भी प्रयोग हुआ। इस विरोध प्रदर्शन में कम से कम सात छात्र घायल हुए हैं। इसी तरह से सोपोर में भी सैंकड़ों छात्र-छात्रा विरोध प्रदर्शन में सड़क पर उतर आए। इन्होंने आजादी और भारत विरोधी नारे लगाए। इन प्रदर्शनकारियों ने सीआरपीएफ कैंप पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और फिर पुलिस को टीयर गैस फायर करनी पड़ी। दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यहां पर कई छात्र प्रदर्शन में घायल हुए हैं। पढ़ें-पत्थरबाजों से निपटने का ये है नायाब तरीका, इजरायल से सीखे भारत!
Source: hindi.oneindia.com