कश्मीर में इंडियन आर्मी की अपील और सलाह भी नहीं सुन रहे हैं लोग
श्रीनगर। पिछले वर्ष जुलाई में हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में एक नया ट्रेंड देखने को मिला है। एनकाउंटर के बाद लोगों को हुजूम उस जगह पर उमड़ने लगता है और फिर मारे गए आतंकी या फिर संदिग्ध को एक हीरो का दर्जा मिल जाता है। रविवार को कुलगाम में हुए एनकाउंटर में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था।
बेकार गई इंडियन आर्मी की एडवाइजरी
इंडियन आर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस ने लोगों को एडवाइजरी जारी करके एनकाउंटर वाली जगह से दूर रहने को कहा था। रविवार को जो कुछ हुआ उसके बाद तो लगता है कि यह एडवाइजरी बिल्कुल ही बेकार साबित हो रही है। एनकाउंटर के समय और एनकाउंटर के बाद लोगों की भीड़ सुरक्षाबलों पर पथराव करने लगती है। साथ ही साथ फंसे हुए आतंकवादी को भी बच निकलने में मदद मिलती है। इन घटनाओं में इजाफे की वजह से ही आर्मी और पुलिस को यह कदम उठाना पड़ा। लेकिन इस एडवाइजरी को भी कोई असर लोगों पर हो रहा है ऐसा नजर नहीं आता है। रविवार की सुबह कुलगाम जिले के फ्रिसाल इलाके के नागबल में एक ऑपरेशन वल रहा था। लेकिन यहां पर भीड़ जमा थी और सुरक्षाबलों पर चारों तरफ से पथराव हो रहा था। इस एनकाउंटर में चार आतंकी मारे गए तो सेना के दो जवान भी शहीद हो गए। साथ ही एक नागरिक की भी मौत हो गई। इस पथराव के बीच ही बिजबेरा के रहने वाले 22 वर्ष के मुश्ताक इब्राहीम इत्तू को गोली लग गई और उनकी मौत हो गई। इत्तू को मोटर साइकिल से अस्पताल ले जाने वाला एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
रविवार को घायल हुए दर्जनों
साउथ कश्मीर में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी पाणी की मानें तो अब यह उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इत्तू जैसी घटनाएं फिर न हों इसके लिए लोगों को लगातार चेतावनी दी जाती है और उनसे कहा जाता है कि वह एनकाउंटर साइट के आसपास न जाएं। रविवार को जो एनकाउंटर हुआ उसमें करीब एक दर्जन लोग घायल भी हुए हैं, इनमें तीन जवान भी हैं। अस्पताल की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक करीब 20 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिसमें से दो को श्रीनगर शिफ्ट कर दिया गया है। अनंतनाग के सीएमओ डॉक्टर फजल अहमद ने बताया कि करीब एक दर्जन लोगों को गोली लगी है। इंडियन आर्मी और पुलिस की ओर से एनकाउंटर के दौरान हिंसा की बढ़ती घटनाओं की वजह से एडवाइजरी जारी की गई थी। इस एडवाइजरी में कहा गया था, ‘एनकाउंटर साइट के दो किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वह एनकाउंटर साइट से दूर अपने घरों में रहे। वे ये भी सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे भी घरों में हों।
Source: hindi.oneindia.com