एसएसपी मुरादाबाद ने आचार संहिता के दौर में चुनाव आयोग के नियम कायदों की उड़ाई धज्जियां
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में भले ही चुनाव आचार संहिता लगी है लेकिन मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी ने आयोग के सारे नियम-कानून को हवा-हवाई कर दिया। निर्वाचन आयोग ने मनोज तिवारी को निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मुरादाबाद का एसएसपी बनाया लेकिन मनोज तिवारी ने आयोग के आदेशों को ही हवा में उड़ा दिया और ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल खेलने लगे।
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चुनाव आचार संहिता के चलते ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आयोग ने इन दिनों रोक लगाई हुई है लेकिन मुरादाबाद के एसएसपी मनोज तिवारी मनमानी पर उतारू हैं। एसएसपी मनोज ने आधा दर्जन कोतवाल/थानेदार बदल डाले हैं। खास बात ये भी है कि आयोग और डीजीपी के निर्देशों के खिलाफ एसएसपी ने कोतवाल को हटाकर रैंकर दरोगा को थानेदार बना दिया है।
एसएसपी ने इंस्पेक्टर मझोला नवरत्न गौतम को लाइन हाजिर किया और उनकी जगह उपनिरीक्षक (रैंकर 2007 बैच) वीरेश कुमार को एसओ मझोला पोस्ट कर दिया। फिर मझोला से हटाए गए नवरत्न गुप्ता को 15 दिन के अंदर ही बिलारी में इंस्पेक्टर बना दिया। एसएसपी ने ऐसा तब किया जब पहले ही डीजीपी ने किसी थानेदार को हटाने के बाद 3 महीने तक चार्ज न देने का निर्देश जारी किया है।
कुछ इसी तरह एसएसपी ने मैनाठेर में इंस्पेक्टर अंशुमाली भारती को हटाकर उपनिरीक्षक (रैंकर 2007 बैच) ओंकार सिंह को एसओ मैनाठेर बना दिया है। आयोग कोतवालियों पर कोतवाल नियुक्त करने का निर्देश पहले ही दे चुका है। इंस्पेक्टर गलशहीद रामवीर सिंह को हटाकर उपनिरीक्षक केशव कुमार तिवारी को एसओ गलशहीद बना दिया है। कुछ इसी तरह एसएसपी मनोज ने इंस्पेक्टर कोतवाली यशपाल सिंह यादव को हटाकर सतीश यादव को इंस्पेक्टर कोतवाली बना दिया है। एसओ भगतपुर सिराजुद्दीन को भी लाइन का रास्ता दिखा दिया है। उनकी जगह जगत नारायण पांडेय को नया थानाध्यक्ष नियुक्त किया है।
चुनाव आयोग ने जिस एसएसपी को निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैनात किया था, उस अफसर ने जिले में तैनाती मिलते ही ट्रांस्फर-पोस्टिंग का खेल शुरू कर दिया। मजेदार बात ये है कि एसएसपी ने जिस थानेदार को दिन में हटाया उसे रात में फिर उसी थाने पर तैनाती दे दी। एसएसपी ने बुधवार को एसओ मझोला वीरेश कुमार को पहले हटाया और फिर जाने किन वजहों से फिर उसी थाने पर थानाध्यक्ष नियुक्त कर दिया? कुछ ऐसा ही इंस्पेक्टर सिविल लाइन डीके शर्मा के साथ भी हुआ जब दिन में वो हटाए गए और रात में ही फिर उसी कोतवाली पर उन्हें पोस्टिंग मिल गई।
मामले पर मुरादाबाद के डीआईजी ओंकार सिंह कहते हैं कि नियम के मुताबिक रैंकर दरोगा को पोस्ट करना गलत है लेकिन आचार संहिता के चलते सब कुछ आयोग के हाथ में है और जो भी पोस्टिंग हुई होगी वो आयोग से अनुमति लेकर ही की गई होगी!
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Source: hindi.oneindia.com