उत्तराखण्ड कैसे बन पाएगा टूरिस्ट डेस्टिनेशन

देहरादून, । पर्यटकों को लुभाने के लिए उत्तराखंड का पर्यटन विभाग फर्जीवाड़े पर उतर आया है। विभाग फर्जी तस्वीरों को अपने फेसबुक में अपलोड कर रहा है। जिससे दूर-दराज से आ रहे टूरिस्ट धेखा खा रहे हैं। नर और नारायण पर्वत के बीच बद्रीनाथ मंदिर नहीं बल्कि नीलकंठ मंदिर है।
उत्तराखंड के पर्यटन विभाग के सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर गलत सूचना और फर्जी फोटो डालकर दुनिया भर के टूरिस्ट को धोखा दे रहा है। विभाग के सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म को देखकर तो यही लगता है। फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम में जो जानकारी साझा की जा रही है वो गुमराह करने वाली हैं। पर्यटन विभाग के फेसबुक पेज पर भरोसा करें तो नर और नारायण मंदिर के बीच में बद्रीनाथ मंदिर नहीं बल्कि निलकंठ मंदिर है, लेकिन किस्सा इतना भर नहीं है। पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकारी महकमा ही फर्जीवाड़े पर उतर आया है, विभाग फर्जी तस्वीरों को अपने फेसबुक में अपलोड कर रहा है। जर्मनी के बर्फ के पहाडों की फोटो लगाकर उसे औली बता रहा है। वहीं चमोली की फूलों की घाटी बताते हुए एक फर्जी फोटो चस्पा की गई है, हिमाचल के डलहौजी की तस्वीर को बेदनी बुग्याल बताया जा रहा है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर विभाग अपनी खिल्ली उड़ा रहा है। फेसबुक पेज पर आ रहे कमेंट तो यही बता रहे हैं। ये हाल तब है जब सोशल मीडिया हैंडल करने के लिए एक कंपनी को ठेका दिया गया है और जिसे क्वाटरली लगभग 25 लाख रुपए भुगतान किया जा रहा है।

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