उत्तराखंड बजट सत्र: वर्ष 2017-18 का 39957.20 करोड़ का बजट पेश, राजस्व घाटा शून्य

देहरादून : प्रचंड बहुमत से जीत कर प्रदेश की सत्ता पर काबिज नई भाजपा सरकार का पहला सालाना बजट उत्साह से लबरेज है। वर्ष 2017-18 के इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ को बतौर संकल्प के रूप में लेकर भाजपा के दृष्टिपत्र को जमीन पर उतारने के लिए पांच साल का खाका भी खींचा गया है।

दृष्टिपत्र के मुताबिक भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और सुशासन की प्रतिबद्धता को बजट में टॉप पर रखा गया। त्रिवेंद्र रावत सरकार ने जनता को राहत देते हुए 39957.79 करोड़ का करमुक्त बजट पेश किया। खास बात ये है कि नई सरकार नई लोकलुभावन घोषणाओं से गुरेज कर बीते वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में बजट आकार को 464.41 करोड़ कम रखा। सभी वर्गों, खास तौर पर किसानों, ग्रामीणों, युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जातियों-जनजातियों,सरकारी कार्मिकों को बजट में खास तरजीह मिली है। वहीं ढांचागत विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य में बजट में नई पहल की गई। केंद्र सरकार के राज्य में महत्वाकांक्षी चार धाम ऑलवेदर रोड और रेलवे नेटवर्क के साथ ही केंद्रपोषित योजनाओं से बजट में उम्मीदें बांधी गई हैं।

गुरुवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन शाम को वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने नई सरकार का पहला बजट पेश किया। बजट में भाजपा के दृष्टिपत्र की छाप है। सत्तारूढ़ दल ने विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र को दृष्टिपत्र के रूप में पेश किया था। बजट में नई योजनाओं के साथ ही पहले से चल रही योजनाओं को पूरा करने पर जोर है। बजट के कुछ रंग अलहदा नजर आए। सॉफ्ट कॉपी में पहली बार इको फ्रेंडली बजट में अब प्लान और नॉन प्लान की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। इसका स्थान अब पूंजीगत और राजस्व मदों ने ले लिया है।

कुल बजट में राजस्व लेखा व्यय 31550.83 करोड़ और पूंजीगत लेखा व्यय 8406.96 करोड़ अनुमानित है। चालू वित्तीय वर्ष के इस बजट में कोई राजस्व घाटे का अनुमान नहीं है। यानी सरकार का कुल राजस्व खर्च राजस्व प्राप्तियों से कम रहने का अनुमान लगाया गया है। अलबत्ता राजकोषीय घाटा 5412.42 करोड़ है, लेकिन यह राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.37 फीसद है। राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट की तय सीमा के अधीन ही राजकोषीय घाटा होने से सरकार राहत में है।

बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का एजेंडा बखूबी झलका है। मोदी लहर के बूते प्रदेश में भारी बहुमत से सत्ता में पहुंची भाजपा सरकार ने मोदी के ध्येय वाक्य और स्थिरता के संकल्प के साथ ही अपने पहले बजट की शुरुआत की। इसमें केंद्र सरकार की योजनाओं के लक्ष्य के अनुसार प्रत्येक गांव को सड़क समेत ढांचागत सुविधाओं से जोडऩे, पेयजल व 24 घंटे बिजली मुहैया कराने, गरीबों को आवास मुहैया कराने, किसानों को आपदा से नष्ट फसल की क्षतिपूर्ति का भरोसा बंधाया गया है।

बजट के प्रमुख बिंदु:

-भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की प्रतिबद्धता

-समस्त सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक प्रणाली होगी लागू

-सीएम कार्यालय में डैश बोर्ड की स्थापना, दैनिक आधार पर प्रत्येक विभाग का अनुश्रवण

-पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने को आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावास की स्थापना

-प्रत्येक स्कूल में बुक बैंक बनेगा, एनसीइआरटी की पुस्तकें अनिवार्य होंगी

-गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप व स्मार्ट फोन वितरण को बजट प्रावधान

-सभी विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई

-बीपीएल एव आयकर के दायरे में न आने वाले परिवारों को स्वास्थ्य कल्याण कार्ड योजना के जरिये सहायता

-पर्वतीय क्षेत्रों में गंभीर रूप से बीमार, घायलों के लिए एयर एंबुलेंस

-मध्य हिमालयी क्षेत्रों में योग अभ्यास केंद्रों की स्थापना

-धार्मिक पर्यटन बढ़ाने को शाक्त, शैव, वैष्णव, गोलू, नागराजा व अन्य स्थलों का सर्किट के रूप में विकास

-चार धाम ऑल वेदर रोड योजना 2020 तक पूरा करेंगे

-2019 तक हर गांव को बिजली, सभी को 24 घंटे बिजली आपूर्ति को युद्ध स्तर पर प्रयास

-2019 तक सड़क सुविधा से जुड़ेंगे सभी गांव

-सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड

-तहसील व ब्लॉक स्तर तक इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्पीड 10 एमबीपीएस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा

-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5000 मकानों का निर्माण

-नगर निकायों के लिए वार्षिक अनुदान राशि बढ़ाकर की गई 578.03 करोड़

-जखोली में सैनिक स्कूल की स्थापना

-रुद्रपुर व हल्द्वानी में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास

-सामान्य वर्ग के निर्धन छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति

-अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए छात्रवृत्ति में लगातार अनियमितता की जांच और पारदर्शी वितरण व्यवस्था

-आपदा का बेहतर ढंग से सामना करने को प्रत्येक गांव के निवासियों को एसडीआरएफ से प्रशिक्षण

-स्टार्ट अप नीति के अनुरूप निवेशकों को लाभ, इसी वित्तीय वर्ष में इन्वेस्टर मीट

-राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना को धन की व्यवस्था, एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाने को धन

-निराश्रित व सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं व लड़कियों को आश्रय, खाद्य, कपड़ा व देखभाल के लिए स्वधार गृह योजना

-व्यापारिक यौन शोषण के लिए तस्करी से पीडि़त महिलाओं के बचाव और अनैतिक व्यापार से जुड़ी महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना

-महिलाओं के कल्याण को पंडित दीनदयाल सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना

-असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सुरक्षा बीमा योजना

-राज्य के युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार दक्षता को उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट फॉर मॉडर्न इकोनॉमी की स्थापना

-अति निर्धन परिवारों को रसोई धुआंमुक्त करने को मुफ्त रसोई गैस

-नदियों में कटाव से निपटने के लिए उठाएंगे प्रभावी कदम

-रेत, बजरी, पत्थर, खनन पर एकाधिकार खत्म करने को सुस्पष्ट नीति

-ग्राम पंचायत कार्यालयों का आधुनिकीकरण

-राज्य के कई स्थानों पर धनोल्टी की तर्ज पर इको पार्क की स्थापना

-जलविद्युत उत्पादन में रन ऑफ रिवर प्रोजेक्ट को वरीयता

-पांच वर्ष में ऊर्जा की कुल मांग का 10 फीसद वैकल्पिक ऊर्जा से पूर्ति

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धरने पर बैठे कांग्रेसी, किया प्रदर्शन

आज गैरसैंण में बजट सत्र आहूत न करने के विरोध में कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया। विधानसभा के समक्ष उनका धरने का कार्यक्रम था। विधानसभा से पहले ही पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को रोक दिया। इस पर पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, विधायक करण महरा समेत कई नेता सड़क पर ही धरने पर बैठे गए।

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