अन्ना आंदोलन से मिली राह, हर जेहन में जिंदा रहेंगे वीर सपूत
गाजियाबाद । ब्रिटिश राज ने भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे देशभक्तों को फांसी पर चढ़ा दिया। कितने ही वीर-सपूतों को कालापानी की सजा दी गई। आजाद ने हंसते-हंसते जान न्यौछावर कर दी थी। कितने ही वीर, आजादी के मतवाले देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने में भेंट चढ़े थे तब जाकर मिली थी आजादी।
क्रिकेटर और फिल्म स्टार को अपना आदर्श मानने वाली युवा पीढ़ी शायद ही इन शहीदों के संघर्ष व पराक्रम से वाकिफ हो। आजादी में बलिदान देने वाले गिने-चुने नाम छोड़कर ज्यादातर शहीद गुमनाम हैं। गाजियाबाद के उद्यमी हरविलास गुप्ता उन तमाम शहादत के किस्सों को संजोकर युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में जुटे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी के जेहन में जिंदा रहें वीर बलिदानी।
यहां से मिली प्रेरणा
हरविलास गुप्ता बताते हैं कि वर्ष 2011 में अन्ना आंदोलन में शामिल हुआ। रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार मुक्त देश की मांग करने वाले लोगों को देखकर आजादी के संघर्ष की तस्वीर जेहन में आने लगी। और वहीं से शहीद स्मृति फाउंडेशन का गठन कर शहीदों के परिवार के लिए काम करना शुरू किया। संस्था शहीद परिवारों को सम्मानित करने के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए प्रयासरत रहती है।
हर वर्ष शहीदों का महाश्राद्ध
कई शहीद ऐसे हैं जिनके परिवार भी नहीं हैं जिनके लिए उन्होंने एक अनूठी पहल शुरू की है। ऐसे शहीदों के लिए वह हर वर्ष महाश्राद्ध का आयोजन करते हैं। देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वालों का तर्पण करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं।
संजो रहे शहीदों की स्मृतियां
हरविलास गुप्ता दिल्ली के रामजस हायर सेकेंड्री स्कूल में प्रधानाचार्य भी रह चुके हैं। शिक्षक रहने के नाते लेखन से उनका गहरा नाता है। उन्होंने शहीदों के पराक्रम व स्मृतियों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए कई किताबें लिखी हैं।
शहीदों के बारे में शोध कर किताबें लिखने और किताबों को स्कूल, कॉलेजों में नि:शुल्क वितरण करने का काम 88 की उम्र में भी बखूबी कर रहे हैं। संस्था के माध्यम से वह शहीदों की याद में समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कराते रहते हैं।
आजादी के परवानों के बारे में पढ़ें
-बलिदानी बालक : 500 से ज्यादा शहीदों के बारे में जानकारी दी गई है।
-क्रांतिकारी वीरांगनाएं : 157 महिला वीरांगनाओं के शौर्य की गाथा लिखी है।
– आजादी के परवाने : गुमनाम वीर सपूतों के पराक्रम का बखान किया है।