एलजी बैजल से मिले सीएम केजरीवाल, बोले- सीलिंग पर जल्द निकलेगा समाधान

नई दिल्ली । राजधानी में चल रही सीलिंग की कार्रवाई के मसले पर बुधवार शाम को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। उन्होंने उपराज्यपाल को बताया कि कई जगहों पर बिना ऑर्डर दिखाए सीलिंग की जा रही है, मनमानी हो रही है।

जल्द सामाधान निकाला जाएगा

बैजल से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि सीलिंग के मसले पर केंद्र सरकार से बात हुई है। इस मुद्दे पर जल्द सामाधान निकाला जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि सीलिंग को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है, जल्द कुछ उपाय निकाला जाएगा।

एलजी को लिखा पत्र 

इससे पहले भी उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार और ‘आप’ विधायकों को यह भरोसा दिया था कि सीलिंग के मसले को सुलझाने के लिए कई उच्चस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। पिछले दिनों ‘आप’ विधायक सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें सीलिंग बंद करने का जिक्र था।

एलजी ने दिया पत्र का जवाब 

29 जनवरी को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ‘आप’ विधायक के पत्र का जवाब देते हुए कहा था कि वह सीलिंग के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करें। उन्होंने यह भी कहा था कि सभी पहलुओं को समझने के लिए दुकानदारों व व्यापारियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें हुई हैं। इस विषय पर सभी न्यायिक आदेशों एवं मौजूदा कानूनों को ध्यान में रखते हुए संकट से उबरने के सभी संभावित समाधानों का पता लगाया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 

दिल्ली में सीलिंग के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर एक बार मान लिया जाए कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर दिया जाए तो क्या निगम ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए व अन्य पक्षकारों को दिल्ली का मास्टर प्लान लाने को कहा है।

पांच फरवरी को सुनवाई होगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पांच फरवरी को सुनवाई होगी और अर्जियों का निपटारा कर देंगे। कोर्ट छतरपुर रोड पर बनी मारबल दुकान वालों की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मारबल दुकान मालिकों का कहना है कि ये सड़क जोनल प्लान में कॉमर्शियल घोषित की गई है और इस पर होटल व अन्य शोरूम हैं। लेकिन इस जमीन को खेती की जमीन के आधार पर सील किया जा रहा है।

विधानसभा में भी उठा मुद्दा

दिल्ली में चल रहे सीलिंग अभियान पर जारी विवाद का असर 15 जनवरी को विधानसभा में भी देखने को मिला था। ‘आप’ व भाजपा विधायकों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए नारेबाजी की थी जिसकी वजह से लदन की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा था। विपक्ष के दो विधायकों को मार्शलों ने बाहर तक निकाल दिया था।

क्यों हो रही है सीलिंग

दरअसल, दिल्ली में निर्माण कार्यों के लिए एमसीडी से इजाजत लेनी पड़ती है। राजधानी के अलग-अलग इलाकों में अवैध निर्माण की शिकायतों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 2005 में एक्शन का आदेश दिया था। एमसीडी का लचीला रवैया देखकर मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा।

कारोबारियों ने दिखाई लापरवाही 

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने के आदेश जारी किए। इसके बाद दुकानों या कमर्शियल प्रॉपर्टी को सीलिंग से बचाने के लिए सरकार ने कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया। कारोबारियों ने ये चार्ज अदा करने में भी लापरवाही दिखाई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों या प्रॉपर्टी को सील करने का आदेश दिया और इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया। अब मॉनिटरिंग कमेटी की देखरेख में ऐसी दुकानों को सील किया जा रहा है, जिन्होंने कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराया है।

संकट में व्यापारी 

कन्वर्जन चार्ज न देने वालों का निर्माण अवैध होने पर उसे गिराने का भी आदेश है। नगर निगम की इस कार्रवाई को मास्टर प्लान 2021 का हिस्सा बताया जा रहा है। इसके तहत खान मार्केट और डिफेंस कॉलोनी जैसे पॉश इलाकों में कार्रवाई की जा रही है, जिससे व्यापारियों पर संकट आ गया है।

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