आपात सेवा 108 को नहीं मिला चालक, जच्चा-बच्चा की मौत

मुनस्यारी : समय से उपचार नहीं मिलने के कारण एक गर्भवती की मौत हो गई। महिला को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाने को न तो एंबुलेंस मिली और नहीं 108 चिकित्सा वाहन। परिजन उसे किराये के वाहन में उपचार के लिए ले जा रहे थे कि रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

तहसील के दुर्गम गांव रिंगू चुलकोट निवासी प्रेमा देवी (24) पत्नी नारायण राम गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर उसे पांच जून को पीपीपी मोड में चलने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी में भर्ती कराया। जहां पर उसका उपचार चल रहा था। सोमवार को भर्ती की गई महिला की हालत मंगलवार की सायं से खराब होने लगी तो चिकित्सकों ने उसे रात्रि दस बजे जिला अस्पताल पिथौरागढ़ को रेफर कर दिया। आर्थिक रूप से कमजोर महिला के लिए न तो एंबुलेंस उपलब्ध हो सका और नहीं 108 आपात सेवा।

आपात सेवा 108 को चलाने के लिए चालक नहीं मिला। रात को 132 किमी दूर पिथौरागढ़ आने के लिए परिजनों ने वाहन की जैसे-तैसे व्यवस्था की। रात्रि दस बजे के आसपास जब महिला को पिथौरागढ़ ले जा रहे थे तो मुनस्यारी से पांच किमी दूर जैंती नामक स्थान पर महिला की मौत हो गई। उसके पेट में बच्चे की इससे पूर्व ही मौत हो गई थी। इसको लेकर परिजनों का पारा चढ़ गया।

परिजनों ने महिला का अंतिम संस्कार तो कर दिया मगर इनका आरोप है कि महिला की हालत रात से ही खराब थी, लेकिन कहने के बाद भी इसको नजरअंदाज किया गया और उसको देखने तक की जहमत नहीं उठाई गई। उसे सुबह ही जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। इसमें स्वास्थ्य केंद्र स्टाफ की भी घोर लापरवाही है।

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