मुख्यमंत्री नहीं दे सकते अफसरों को निर्देशः निर्वाचन आयोग
सचिवालय जाकर अफसरों की बैठक लेना और उन्हें निर्देश देने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है। भाजपा के बाद राज्य के एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया था। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने मामले का परीक्षण किया तो यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री आवश्यकता पड़ने पर केवल आपदा और कानून व्यवस्था के फेल होने पर ही बैठक लेकर अफसरों को निर्देशित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश मांगे हैं।
15 फरवरी को चुनाव संपन्न होने के कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सचिवालय जाकर सरकारी कामकाज शुरू कर दिया था। भाजपा ने सैकड़ों फाइलें निपटाने का आरोप लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग की थी। तब राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मुख्यमंत्री की कार्रवाई को सामान्य बताया था। इस पर मुख्य चुनाव आयोग (सीईसी) को भी शिकायत की गई।