मध्यप्रदेश में कांग्रेस की लगातार हार की वजह हो सकता है पूर्व दिशा में बना टॉयलेट..!
भोपाल: मध्यप्रदेश में सत्ता से लगभग 14 साल से दूर कांग्रेस मिशन 2018 की तैयारी में जुटी है. जनता के साथ उसे भगवान से भी आस है तभी पार्टी इन दिनों प्रदेश मुख्यालय का वास्तुदोष दूर कराने में जुटी हुई है. पार्टी को लगता है उसके मुख्यालय में पूर्व दिशा में स्थित टॉयलेट पार्टी की लगातार हारों की वजह हो सकता है.
भोपाल के शिवाजी नगर में बने इंदिरा भवन में, 3 जुलाई 2006 को कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय ‘इन’ हुआ, 2003 से पार्टी सत्ता से ‘आउट’ है. उसे लगता है तीसरी मंजिल पर पूर्व में स्थित सभी पदाधिकारियों के कमरों के टॉयलेट इस हार की बड़ी वजह हैं, लिहाजा सभी को तोड़ दिया गया है. सबके लिए अब एक टॉयलेट की व्यवस्था होगी. आपको यह अंधविश्वास लगे, लेकिन पार्टी इसे भगवान की शरण में जाना मानती है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा वास्तुदोष है. हम जनता की शरण में जा रहे हैं सरकार बनाने, भगवान की शरण में जाना हमारा अधिकार है. मैं उनमें शामिल नहीं जो कह दें यह गलत है, हम धर्म को मानते हैं.
बीजेपी को भी लगता है कि वास्तु अंधविश्वास नहीं, लेकिन इससे कांग्रेस का भला होगा इस पर उसे शक है. बीजेपी नेता डॉ हितेष वाजपेयी ने कहा मैं इसे अंधविश्वास नहीं मानूंगा, लेकिन कहूंगा कि सात्विक जब कर्मकांड करता है तो उसे फल प्राप्त होता है, जब तामसिक करता है.. अंत वही होता है.
वैसे फिलहाल 231 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में बीजेपी के 165 विधायक हैं, कांग्रेस के 58, अन्य के खाते में सात सीटे हैं. सीटें बढ़ाने के लिए शौचालय की दिशा बदलनी चाहिए या सोच… इसके बारे में आप ही सोचें … वैसे नए रंग-रोगन के साथ इमारत अच्छी ही दिखेगी ऐसा हम सोचते हैं.