नेशनल हेल्थ पॉलिसी को मंजूरी, जानिए आपको क्या हो सकते हैं फायदे
नई दिल्ली। देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद हुई पहली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों में सबसे अहम फैसला बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी देना है। इस नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के मुताबिक अब ही किसी को सरकारी इलाज की सुविधा मिलेगी और मरीज को इलाज के लिए अस्पताल मना नहीं कर सकेंगे। नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में मरीजों के लिए बीमा का प्रावधान भी रखा गया है। पर अभी यह बात साफ नहीं हो पाई है कि भोजन के अधिकार के तरह स्वास्थ्य के अधिकार को मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाएगा या नहीं।
प्राइवेट अस्पतालों में दिखाने पर मिल सकती है छूट
इस स्वास्थ्य नीति के आने के बाद मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज करवाने की छूट मिलेगी। साथ ही विशेषज्ञों से इलाज के लिए लोगों को सरकारी या निजी अस्पताल में जाने की छूट होगी। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी अस्पतालों को ऐसे इलाज के लिए तय रकम दी जाएगी। नए अस्पताल को बनने में लगने वाले समय को देखते हुए सीधे तौर इस धन को इलाज पर खर्च किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण पर जोर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के मुताबिक मातृ और शिशु मृत्यु दर घटाने के साथ-साथ देशभर के सरकारी अस्पतालों में दवाइयां और रोगों की जांच के सभी साधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर जोर होगा। साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवाओं को आगे लाने के लिए डिजिटलीकरण पर जोर होगा। साथ ही बडी बीमारियों को खत्म करने के लिए खास लक्ष्य तय किए जाएंगे।
पीपीपी मॉडल के आधार पर इलाज पर दिया जाएगा जोर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में जिला अस्पताल और इससे ऊपर के अस्पतालों को पूरी तरह सरकारी नियंत्रण से अलग किया जाएगा और इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर इलाज होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस नीति के तहत व्यापक बदलाव करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दायरा बढ़ाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पिछले दो साल से लंबित थी। इस पॉलिसी के बाद सरकार का लक्ष्य है कि देश के 80 फीसदी लोगों का इलाज पूरी तरह सरकारी अस्पातल में मुफ्त हो जिसमें दवा, जांच और इलाज शामिल होंगे।
Source: hindi.oneindia.com