देहरादून में पारे ने तोड़ा 16 साल का रेकार्ड, अप्रैल से मिलेगी राहत
देहरादून, [जेएनएन]: मौसम के तेवरों के चलते उत्तराखंड के मैदानी इलाके तापमान की उछाल से बेचैन रहे। देहरादून में तो पारे में मार्च में गर्मी का 16 साल का रेकार्ड ही तोड़ दिया। अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 2001 के बाद मार्च में अब तक का सर्वोच्च स्तर है। अलबत्ता, मौसम विभाग की मानें तो अब देहरादून समेत मैदानी क्षेत्रों में पारे में थोड़ी कमी आएगी और यह 35 डिग्री के आसपास बना रहेगा।
राज्यभर में इन दिनों अधिकतम तापमान सामान्य से छह से आठ डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। पहाड़ और मैदान दोनों ही तपिश से झुलस रहे हैं। बुधवार को इसने थोड़ी और उछाल भरी। देहरादून की ही बात करें तो यहां सोमवार से अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पार चल रहा था और बुधवार को यह 35.8 डिग्री पहुंच गया।
इससे पहले उत्तराखंड बनने के बाद मार्च में 2010 में अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं, पंतनगर, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार समेत अन्य मैदानी क्षेत्रों में भी तपिश से लोग हलकान रहे। यही नहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में भी पारा उछला और यह 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच झूलता रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि मैदानी इलाकों को पारे की उछाल से आज से कुछ राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। वजह ये कि सब्सीडेंस अगले दो दिन में खत्म हो जाएगा। सब्सीडेंस वह स्थिति है, जब ऊपर की ओर उठने वाली गर्म हवा नीचे की ओर दबती है। नतीजतन पारे में उछाल आता है।
उन्होंने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड की ओर रुख कर रहा है, जिससे एक व दो अप्रैल को राज्य में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। इसके बाद चार व पांच मार्च को भी वर्षा के आसार हैं। ऐसे में चार मार्च से तापमान सामान्य के करीब आ जाएंगे।