गुलदार की नौ खालों के साथ वन तस्कर गिरफ्तार
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में वन्यजीवों के अंगों की तस्करी थम नहीं रही। एसटीएफ ने त्यागी रोड पर भारी मात्रा में वन्यजीव अंगों के साथ एक तस्कर को दबोच लिया। उसके पास गुलदार की नौ खालें, भालू की दो पीत्ता (गाल ब्लैडर) और हिरन का एक सींग बरामद हुई। उत्तराखंड में वन्यजीव तस्कर लंबे समय से सक्रिय हैं और आए दिन होने वाली वन्यजीव अंगों की बरामदगी इसकी बानगी है। कई मौकों पर तस्करों का नेपाल कनेक्शन भी सामने आ चुका है। ये वन्यजीव अंगों को नेपाल के रास्ते विदेश के बाजारों तक पहुंचाते हैं।
एसटीएफ को ऐसे ही एक तस्कर की जानकारी मिली थी। सूचना थी कि वह वन्यजीव अंगों को बेचने के लिए देहरादून के रास्ते नेपाल जा रहा है। एसएसपी एसटीएफ पी. रेणुका देवी ने बताया कि इस सूचना पर एसटीएफ की एक टीम त्यागी रोड पहुंची और आरोपी तस्कर को दबोच लिया।
उसके पास मिले सामान की तलाशी ली गई तो उसमें गुलदार की खाल समेत कई अन्य वन्यजीवों के अंग बरामद हुए। आरोपी तस्कर की पहचान रघुबीर सिंह बिष्ट पुत्र विजय सिंह बिष्ट निवासी बिष्ट भवन नर्सरी रोड श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल के रूप में हुई।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसे वन्यजीवों के अंग थराली (चमोली) के एक शख्स ने बेचने के लिए दिए थे। इसके बदले में उसे कमीशन मिलना था। आरोपी के खिलाफ कोतवाली में वन्यजीव जंतु संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी ने बताया कि रघुवीर को जिस व्यक्ति ने खाल आदि सौंपे थे, उसकी तलाश में एक टीम चमोली रवाना कर दी गई है।
विदेशों में वन्यजीव अंगों की भारी मांग
वन्यजीव अंगों की विदेशों में भारी मांग है। एसटीएफ ने बताया कि चीन, जापान, कोरिया, अमेरिका आदि में भालू के पीत्ता का उपयोग दवाइयां बनाने में किया जाता है। तस्करों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है। गुलदार की खाल का उपयोग बैग बनाने और घरों में सजावट के लिए किया जाता है।