उत्तराखंडः आउटसोर्सकर्मियों को संविदा नियुक्ति देने का फैसला रद

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: चुनाव से ऐन पहले परिवहन निगम में आउटसोर्स के 2968 कार्मिकों को संविदा पर नियुक्ति देने का पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का फैसला भाजपा सरकार ने रद कर दिया। इससे कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। निगम की कर्मचारी यूनियनों ने इस फैसले का विरोध का एलान किया है।

पिछले वर्ष सितंबर में तत्कालीन परिवहन मंत्री नवप्रभात ने इस श्रेणी के कर्मचारियों की संविदा पर नियुक्ति की मांग मान ली थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव से ऐन पहले 17 दिसंबर को कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी। इसका बाकायदा जीओ भी जारी कर दिया गया।

पिछले दिनों कैबिनेट के फैसले के क्रम में निगम प्रबंधन ने आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे 2968 कार्मियों का ब्योरा शासन को भेजकर परामर्श मांगा। न्याय विभाग ने हाई कोर्ट के पिछली 24 जनवरी को दिए रोडवेज में ‘समान कार्य-समान वेतन’ से जुड़े आदेश में निर्धारित शर्तों का हवाला देकर संविदा में नियुक्ति न करने की सलाह दी।

परिवहन सचिव सीएस नपलच्याल ने इस सलाह को आधार बनाते हुए संविदाकरण का फैसला निरस्त कर दिया। इनमें 980 परिचालक, 1420 परिचालक व तकनीकी कर्मचारी शामिल हैं।

उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश महामंत्री रवि पचौरी व उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार चौधरी ने इसे कर्मचारी विरोधी फैसला करार दिया।

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि निगम प्रबंधन हाई कोर्ट में ये मान चुका है कि उसने एक जनवरी 2014 से 2968 कर्मियों को संविदा में परिवर्तित कर दिया था। मामला डबल बैंच में लंबित है। सरकार के फैसले का विरोध किया जाएगा।

 

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