महिला दिवस : महिलाएं समाज और घर का अहम हिस्सा है इसलिए उनका सम्मान भी जरूरी !
आज देश भर में महिला दिवस की धूम है देश के चारों कोनो में महिला दिवस मनाया जा रहा है घर केवल इंट पत्थरो से नही बनता घर बनता एक महिला के होने से आईये जानते इस दिन के खास महत्तव को घर सिर्फ दीवारों और साज़-सामान से नहीं बनता, बल्कि घर औरत से मुकम्मल होता है। महिलाएं घर परिवार का अहम हिस्सा होती है। लड़की मां-बाप के घर में बेटी बनकर पैदा होती है है तो घर की रौनक बनती हैं। पति के घर जाती है तो उसकी जिंदगी और उसके घर को रौशन करती है। जिस घर में औरत का वास नहीं वो घर बेहद सूना और खालीपन से भरा होता है। हर लड़की मां, बहन और बेटी के रूप में पहले अपने बाप के घर की रौनक बनती है फिर अपने पति के घर की रौनक बनती है। महिलाएं समाज और घर का अहम हिस्सा है इसलिए उनका सम्मान भी जरूरी है।महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनमें जागरुकता बढ़ाने के लिए कई विषयों पर जोर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को सम्मान देने के लिए 8 मार्च को ही क्यों चुना गया। हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है ये सवाल आपके ज़हन में भी होंगा। आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं। सन् 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। महिलाओं ने न्यूयॉर्क में उनकी नौकरी के घंटे कम करने और साथ ही उनका वेतन बढ़ाने के लिए मांग रखी थी। महिलाओं की हड़ताल इतनी कामयाब रही कि वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ना पड़ा, और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था, जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी, वह तारीख 23 फरवरी थी। साल 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान 28 फरवरी को रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस’ (यानी खाना और शांति) की मांग की थी। यही नहीं, हड़ताल के दौरान उन्होंने अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था, और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी भी कराया था। ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा। कई देशों में इस दिन महिलाओं के सम्मान में छु्ट्टी दी जाती है और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन महिला और पुरुष एक-दूसरे को फूल देते हैं।