नाम शबाना, कामः बिंदिया-सीमा के साथ मिलकर करती थी काला कारनामा

नई दिल्ली । चोरी और सेंधमारी की करीब 100 वारदातों को अंजाम दे चुके शबाना गिरोह की आठ महिला सदस्यों को तिलक नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी औरतें मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले विभिन्न गांवों की हैं। दिल्ली में इनका ठिकाना गोविंदपुरी में था।

पुलिस को औरतों के पास से 33 हजार रुपये, एक सोने की चेन, एक सर्जिकल ब्लेड, एक सोने की अंगूठी और चांदी के आभूषण बरामद हुए हैं। पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र के बाजारों में चोरी, झपटमारी और सेंधमारी की कई शिकायतें सामने आ रही थीं।

बुधवार को एक महिला ने तिलक नगर में बैंक के पास बुजुर्ग महिला से लूट की वारदात को अंजाम दिया। बैंक के सुरक्षाकर्मी ने मामले की जानकारी तुरंत पुलिस को दी।

तिलकनगर के एसएचओ शिव कुमार ने थाने की टीम को फौरन मौके पर भेजा। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी औरत को दबोच लिया और मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में औरत ने खुद का नाम निशा (25 साल) बताया। वह अपने साथियों के साथ शहर में अलग-अलग वारदात को अंजाम देती है।

तिलकनगर थाना पुलिस ने बाजारों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से वारदात को अंजाम देने के तरीके की जांच की। इससे पुलिस को पता चला की कई औरतों का यह गिरोह है जो एक के बाद एक वारदात को अंजाम दे रहा है।

यह गिरोह शादी समारोह में आई महिला मेहमानों और एटीएम से ज्यादा पैसा निकालने वाली महिलाओं को अपना शिकार बनाता था। चार-पांच महिला आरोपी मिलकर रात के समय दुकानों का ताला तोड़ चोरी की वारदात को भी अंजाम देती थीं। आरोपियों की गिरफ्तारी से अलग-अलग थाने में दर्ज 11 मामले सुलझे हैं।

पुलिस ने कुछ निशा के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया ताकि इसके ठिकाने का पता चल सके। क्योंकि निशा खुद को बेघर बताती थी। एसएचओ शिवकुमार ने इनके असली ठिकाने का पता करने के लिए एक टीम बनाई।

टीम में एएसआई राजेश शर्मा, सुशील, संजय, हेडकांस्टेबल अनिल चंद्रा, वेदपाल, आदेश और अन्य शामिल थे। टीम ने सर्विलांस की मदद से मिली जानकारी के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्य रानी (35 साल) पुष्पा (35 साल) सीमा (35 साल) सोनम (27 साल) बिंदिया (27 साल) शबाना उर्फ शबनम (40 साल) और संगीता (35 साल) को गोविंदपुरी से दबोच लिया।

अपने एक साथी की गिरफ्तारी के बाद तमाम अन्य आरोपी महिलाएं गांव भागने की फिराक में थीं। पूछताछ में आरोपी महिलाओं ने बताया कि करीब एक दशक से इस गिरोह को दिल्ली में चलाया जा रहा है।

शातिर औरतें अपनी असली पहचान छुपा कर रखती थीं और समय-समय पर नंबर बदलती रहती थीं। चोरी के सामान को वह गांव में अपने परिजनों को भेजती रहती थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *