सरकार बनने के एक माह में करेंगे ग्रेड पे पर फैसलाः धामी

देहरादून,। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पुलिस ग्रेड पे पर बड़ा चुनावी दांव चलते हुए कहा गया है कि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो वह सरकार बनने के एक माह के अंदर पुलिस ग्रेड पे पर फैसला लेंगे। वहीं उन्होंने राज्य में सख्त भू कानून लाने का दावा भी किया है।यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीरवार को मीडिया से बातचीत में अपने हल्द्वानी-नैनीताल दौरे के समय कहीं। सीएम धामी जो चुनाव निपटने के बाद मंदिर और मठों की परिक्रमा कर देवी देवताओं से फिर भाजपा के सत्ता में आने और अपने सीएम बनने की मन्नते मांग रहे हैं, बीरवार को हल्द्वानी पहुंचे और गोलू देवता की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो पुलिस ग्रेड पे पर एक माह के अंदर फैसला लिया जाएगा।
पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि भाजपा ने पुलिस ग्रेड पे को अपने घोषणा पत्र में क्यों नहीं रखा, जबकि कांग्रेस ने इसे अपने घोषणापत्र में रखा है। इस पर धामी ने कहा कि पुलिस ग्रेड पे और भू कानून पर वह समय की कमी के कारण फैसला नहीं कर सके। लेकिन भू कानून के लिए उन्होंने कमेटी का गठन कर काम शुरू कर दिया था।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में पुलिस के बैलेट्स वोटिंग की प्रक्रिया चल रही है। सीएम धामी को यह पता है कि पुलिस ग्रेड पे 4600 किए जाने पर फैसला न लिए जाने से पुलिसकर्मी व उनके परिजन नाराज हैं। मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस लाइन में पुलिस की रैतिक परेड में पुलिसकर्मियों से 4600 ग्रेड पे करने की घोषणा कर तालियां बटोरी थी लेकिन वहीं वह इसे न तो कैबिनेट में ला सके और न इस पर कोई निर्णय ले सके। बाद में उन्होंने पुलिस कर्मियों को दो लाख का एक मानदेय देकर और भी ज्यादा नाराज कर दिया था। मुख्यमंत्री धामी जो अब सरकार बनने पर एक माह में ग्रेड पे पर फैसला करने की बात कह रहे हैं, पुलिस कर्मियों की नाराजगी दूर करने का ही प्रयास है। क्योंकि उन्हें पता है कि 80 फीसदी पुलिसकर्मी उनके खिलाफ वोट कर सकते हैं उनकी इस घोषणा को पुलिसकर्मी भी एक चुनावी दांव ही मान रहे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पुलिसकर्मियों ने इस मुद्दे पर अपने परिजनों के साथ दून में बड़ा प्रदर्शन भी किया था।
सीएम धामी को लग रहा है कि पुलिस ग्रेड पे और भू कानून जैसे मुद्दों पर फैसला न ले पाना उनकी बड़ी चूक रहा है। जो इस चुनाव में उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। यही कारण है कि अब उनके द्वारा इन दोनों मुद्दों पर सरकार बनते ही फैसला लेने की बात कही जा रही है।

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