अपने कर्तव्य का पालन कर रहे और कोविड़ 19 से संघर्ष करने वाले सीएमओं रमोला पर क्यों लग रहे आरोप !

इंडिया वार्ता/देहरादून । राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में तैनात मुख्यमंत्री के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने सीएमओ डॉ. बीसी रमोला पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए राजकीय गांधी शताब्दी अस्पताल में मौन व्रत रख सत्याग्रह शुरू कर दिया।मंगलवार सुबह डॉक्टर बिष्ट और उनकी असिस्टेंट फिजीशियन राजकीय गांधी शताब्दी अस्पताल पहुंचे। जहां पर डॉ. बिष्ट ने विरोध स्वरूप अपना एप्रिन उल्टा पहन और आला भी पीठ की तरफ लटका कर सत्याग्रह शुरू कर दिया। डॉ. बिष्ट के लिखित में आरोप हैं कि वर्तमान सीएमओ एवं जिला अस्पताल के तत्कालीन प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला लगातार मार्च से उनका उत्पीड़न करते आ रहे हैं। इस बात जब सीएमओं डा. बी सी रमोला से हमारे प्रतिनिधि ने दूरभाष पर बात की तो उन्होने कहा कि अगर मे जिले के अस्पतालों का निरीक्षण करता हूॅ तो मैं क्या गलत करता हूॅ अगर मैं कर्मचारियों की मॉनीटिरिंग करता हूॅ तो क्या गलत करता हू अगर मैं सुबह दो धन्टे जनता की आपरेशन थियेटर में सेवा करता हूॅ तो क्या गलत हूॅ अगर मैं दवाईयों की दुकानों का निरीक्षण कराता हूॅ तो मैं क्या गलत करता हॅ। उन्होने कहा अगर मैं टीम को सावधान करता हूॅ और सबकों कार्य के प्रति सजग करता हॅ। तो क्या गलत करता हॅू।

सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने कहा है कि जो जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून के रूप में मुझकों सरकार /शासन की ओर से सौपी गयी वह बहुत ही जिम्मेदारी की है इसी को ध्यान में रखते हुए और कोविड़ 19 कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए मैने अपने स्तर से सर्तकता व पूरी सावधानी को बरततें हुए पिछले करीब चार माह में कार्य किये है उससे भले ही कुछ विभागीय चिकित्सक व कर्मचारी नाराज हो लेकिन मैने कोविड़ 19 महामारी से निजात के लिए आवश्यक कदम उठाये है । डां रमोला का कहना है कि यदि मै कोविड़ 19 महामारी को ध्यान में रखते हुए अपने कर्तव्य का पालन व अनेक बार कड़ाई का पालन ना करता तो मुझे गैरजिम्मेदार ठहराया जा सकता था उनका यह भी कहना है कि जो आरोप मुझ पर लगाये जा रहे है वे पूरी तरह से निराधार है। उन्होने कहा कि सरकार / शासन के दिशा निर्देशों का अनुपालन करने व मानवता को ध्यान में रखते हुए मैं अपने कर्तव्यों को निभाता रहूॅगां भले ही मुझ पर ईधर -उघर से आरोप लगते रहे मै उनकी परवाह नही करूगां।

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