विराट कोहली को टीम इंडिया के इन पूर्व बल्‍लेबाजों के स्‍तर का नहीं मानते पाकिस्‍तान के पूर्व खिलाड़ी मो. यूसुफ

कराची: टीम इंडिया के कप्‍तान विराट कोहली के बल्‍लेबाजी कौशल का लोहा इस समय पूरी दुनिया मान रही है. इसके बावजूद पाकिस्‍तान टीम के दिग्‍गज पूर्व बल्‍लेबाज मोहम्‍मद यूसुफ (पूर्व नाम यूसुफ योहाना) उन्‍हें सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के स्‍तर से नीचे मानते हैं. यूसुफ के मुताबिक, कोहली, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे महान खिलाड़ियों स्तर के नहीं हैं. यूसुफ ने जियो सुपर चैनल से कहा, ‘आजकल के दिन के क्रिकेट का स्तर अतीत के स्तर की बराबरी नहीं कर सकता. कोहली काफी अच्छे बल्लेबाज हैं और मुझे उन्‍हें खेलते हुए देखना पसंद है लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह तेंदुलकर, द्रविड़ या लक्ष्मण के स्तर के हैं.’

पाकिस्तान की ओर से 1998 से 2010 के बीच 90 टेस्ट और 288 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले 42 साल के यूसुफ ने दोनों प्रारूपों में मिलाकर 39 शतक और 97 अर्धशतक जड़े और इस दौरान 17250 रन बनाए. यूसुफ ने उस समय क्रिकेट खेली जब विश्व क्रिकेट में तेंदुलकर, द्रविड़ और लक्ष्मण का दबदबा था.

उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग शायद सहमत नहीं हों लेकिन मुझे नहीं लगता कि आज हमारे पास उस स्तर के गेंदबाज या बल्लेबाज हैं जो तब थे जब मैं खेलता था. ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा गेंदबाजी आक्रमण को देखो, उनके पास ग्लेन मैक्‍ग्रा या शेन वार्न की बराबरी का कोई नहीं है. भारत के पास अनिल कुंबले, श्रीनाथ और कुछ काफी अच्छे गेंदबाज थे. दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज का गेंदबाजी आक्रमण भी मजबूत था जबकि श्रीलंका मुथैया मुरलीधरन पर काफी निर्भर था.’

यूसुफ ने कहा, ‘बल्लेबाजों के लिए स्थिति आसान करने के लिए नियमों में भी बदलाव किया गया जबकि आजकल पिचें भी बल्लेबाजी के अधिक अनुकूल हो गई हैं. जिस युग में मैं खेलता था तब आपको ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका में अलग अलग तरह की पिचों का सामना करना पड़ता था. आजकल हर जगह पिचें लगभग एक जैसी हैं.’यूसुफ ने कहा कि यही कारण है कि वह तेंदुलकर या द्रविड़ को मौजूदा भारतीय बल्लेबाजों से अलग स्तर का मानते हैं.

यूसुफ ने हालांकि कोहली की आक्रामकता का बचाव किया.उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि अतीत की भारतीय टीम और खिलाड़ी भी आक्रामक थे. सौरव गांगुली इसका उदाहरण हैं. जब हम उनसे खेलते थे तो हमारे खिलाड़ियों का उत्साह भी बढ़ा हुआ होता था लेकिन अंत में हम विरोधी के अच्छे प्रदर्शन की भी हमेशा तारीफ करते थे क्योंकि क्रिकेट का स्तर काफी ऊंचा था.’

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