आरटीओ ऑफिस देहरादून में विजिलेंस का छापा, मुख्य सहायक और दो दलाल गिरफ्तार

देहरादून ।  बृहस्पतिवार को विजिलेंस के छापे में इसकी पुष्टि भी हो गई। ट्रैक्टर का कामर्शियल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर प्रमुख सहायक की कुर्सी पर छह हजार की रिश्वत वसूलते हुए दलाल पकड़ा गया। यह तो आपने हजारों बार सुना होगा कि आरटीओ आफिस में दलालों का राज है। विजिलेंस ने नेटवर्क में शामिल दो दलालों और दफ्तर के मुख्य सहायक को गिरफ्तार कर लिया। इसी कार्रवाई में आरटीओ आफिस में अफरातफरी का माहौल रहा। विजिलेंस के पुलिस उप महानिरीक्षक कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि एक किसान ने 19 नवंबर को विजिलेंस की एसपी रेणु लोहानी से मिलकर यह मामले की शिकायत की थी। किसान ने बताया कि वह पहले ट्रैक्टर का कृषि संबंधी कार्यों में इस्तेमाल करता था। ट्रैक्टर के व्यावसायिक प्रयोग के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए उसने संभागीय परिवहन कार्यालय में आवेदन किया था।वह संबंधित कागजात और फीस जमा कराने के बाद आरटीओ आफिस के काउंटर नंबर चार पर पहुंचा। यह सीट मुख्य सहायक यशबीर बिष्ट की है। उस पर मोनू मलिक उर्फ संदीप बैठे हुआ था। आरोप लगाया कि उसने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए अलग से छह हजार रुपये की रिश्वत मांगी और इसके बिना कार्य होने से साफ इंकार कर दिया। उसने कहा कि यदि काम कराना है तो 21 अक्तूबर को रकम लेकर आ जाना। डीआईजी ने बताया कि गोपनीय जांच में आरोप की पुष्टि के बाद एसपी ने ट्रैप टीम गठित कर दी। शिकायतकर्ता बृहस्पतिवार दोपहर रकम लेकर काउंटर पर पहुंचा तो वहां पर मुख्य सहायक यशबीर बिष्ट के स्थान पर मोनू बैठा था। रिश्वत लेने के बाद मोनू ने फाइल पास में खडे़ अन्य एजेंट प्रदीप कुमार को दे दी। विजिलेंस टीम ने प्रदीप कुमार निवासी विकास लोक सहस्त्रधारा रोड और मोनू मलिक उर्फ संदीप कुमार निवासी मोहब्बेवाला को दबोच लिया।

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