उत्तराखंड में सत्यापन प्रक्रिया हुई और सख्त

देहरादून। उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आकर निवासरत किरायेदारों, मजदूरों सहित अन्य लोगों की सत्यापन कार्रवाई को शपथ पत्र की अनिवार्यता के साथ और अधिक सख्त कर दिया गया है। अब बाहरी प्रदेशों से आकर यहां रहने वाले लोगों को अपने मूल थाने की सत्यापन रिपोर्ट सहित चरित्र प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों के साथ शपथ पत्र भी संबंधित थाने में दाखिल करना होगा। पुलिस मुख्यालय के आदेशानुसार अब बाहरी राज्यों के किराएदारों को सत्यापन प्रारूप में महज सामान्य विवरण देने के साथ ही उनके दस्तावेज सही हैं या नहीं, इस संबंध में एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है। इतना ही नहीं, संबंधित व्यक्ति को मूल स्थान का सत्यापन और चरित्र प्रमाण पत्र के साथ दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। यह सभी दस्तावेज शपथ पत्र सहित उन्हें मकान मालिक व प्रबंधक या अन्य स्वामी के माध्यम से स्थानीय थाने में दाखिल करने होंगे। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक लोगों के भौतिक सत्यापन के संबंध में पूर्व में निर्गत एसओपी में संशोधन किया गया है। सत्यापन की प्रक्रिया में नए आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 83 के अंतर्गत विधिक कार्रवाई की जाएगी। सत्यापन के संबंध में कूट रचित दस्तावेज यानी जाली दस्तावेज या गलत शपथ पत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि बाहरी राज्यों को भेजे गए कई सत्यापन प्रपत्रों पर संबंधित बाहरी जनपद या थाने से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है, जिसके चलते संबंधित व्यक्ति द्वारा सत्यापन के लिए दिए गए दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो पाती है। यही कारण है कि अब बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आकर निवासरत लोगों की सत्यापन प्रक्रिया में संशोधन कर सख्ती बढ़ाई जा रही है। इतना ही नहीं राज्य में संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रख कर पूरे प्रदेश भर में कार्रवाई जारी है।

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