उत्तराखंड: सीएम त्रिवेंद्र ने कहा- सीएए के दायरे में करीब 200 परिवार, जल्द दी जाएगी नागरिकता
अल्मोड़ा । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में हाल के वर्षों में आए करीब 200 परिवार नागरिकता कानून (सीएएस) के दायरे में आ रहे हैं। इनमें कुछ मुस्लिम परिवार भी हैं। अधिकांश देहरादून में बसे हैं। सीएम बोले कि इन्हें नागरिकता देने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। सीएम यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।इस दौरान सीएम ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर कांग्रेस और वामपंथी दलों पर जमकर हमला बोला। कहा कि सत्ता से बाहर रहने के कारण विपक्षी दल हताश और निराश हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में देश में अर्बन नक्सलियों का वर्ग भाजपा का विरोध कर रहा है।मुख्यमंत्री रावत ने नागरिकता कानून का विरोध करने पर कांग्रेस और वामपंथियों पर जमकर हमला बोला। कहा कि आजादी के आंदोलन में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाते कहा कि बाल गंगाधर तिलक के अध्यक्ष बनने से पहले कांग्रेस ने कभी भी देश की स्वतंत्रता के लिए प्रस्ताव पारित नहीं किया। यहां सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा नागरिकता संशोधन अधिनियम शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला कानून है। कांग्रेस को यह जवाब देना चाहिए कि देश में आए लोगों को शरण दी जाए अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि भारत में राजवंशों के काल से ही शरणागत को आश्रय देने की परंपरा रही है। जब हिटलर ने यहूदियों को जिंदा जलाने का प्रयास किया तो तमाम देशों ने यहूदियों को अपने देश में नहीं घुसने दिया लेकिन भारत ने उन्हें आश्रय दिया।जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया तब भारत ने तिब्बतवासियों को भी शरण दी जो आज भी यहां शांति से रह रहे हैं। पारसियों को भी भारत ने इसी तरह शरण दी। उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, अबुल कलाम आजाद सहित आजादी के आंदोलन से जुड़े कई कांग्रेस नेताओं के वक्तव्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन नेताओं ने भी पाकिस्तान सहित अन्य देशों से आए शरणार्थियों को देश में आश्रय देने का समर्थन किया था।