उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से प्रारंभ
देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से प्रारंभ होने जा रहा है। इसमें प्रश्नों की खूब झड़ी लगेगी। वहीं, विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार अभी तक 930 तारांकित व अतारांकित प्रश्न आ चुके हैं। इस बीच विस अध्यक्ष ने विधानसभा में सत्र की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि सत्र में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए विभाग पहले से ही सभी तैयारियां पूरी कर लें। मानसून सत्र में प्रश्न लगाने के लिए विधायक खासी रुचि ले रहे हैं और बड़ी संख्या में अब तक आए प्रश्न इसकी तस्दीक भी करते हैं। विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित बैठक लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रश्न आना, विधायकों की जागरूकता को दर्शाता है। अभी तक 930 तारांकित व अतारांकित प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। 70 अल्पसूचित प्रश्नों में छह स्वीकार कर लिए गए हैं। 174 याचिकाएं और पांच विधेयकों को भी सत्र के दौरान सदन के पटल पर रखा जाएगा। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने सत्र की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में कहा कि पिछले सत्रों की भांति इस सत्र में भी सभी अधिकारियों का सहयोग अनिवार्य है। विस परिसर के अंदर और सभा मंडल में जारी प्रवेश पत्र व सुरक्षा चेकिंग के संबंध में भी चर्चा हुई। तय हुआ कि वाहनों की पार्किंग चिह्नित स्थानों पर ही की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्द्धन, डीपीजी अनिल रतूड़ी, एडीजी अशोक कुमार, वी.विनय कुमार, सचिव हरबंस चुघ, राज्य संपत्ति अधिकारी विनय शंकर पांडे, अपर सचिव सचिव सचिवालय प्रशासन अर्जुन सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।विधानसभा के 18 सितंबर से प्रारंभ हो रहे मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पेश किए जाने को लेकर असमंजस गहरा गया है।
अब अनुपूरक पेश किए जाने के आसार न के बराबर हैं। दरअसल चालू वित्तीय वर्ष में अब तक जारी 55 फीसद बजट का बड़ा हिस्सा महकमे खर्च नहीं कर पाए हैं। इस वजह से महकमों ने अनुपूरक के लिए मांग ही नहीं की है। अलबत्ता महकमों से अनुपूरक की मांग आई तो इसे अगली कैबिनेट बैठक में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है। विधानसभा सत्र 18 सितंबर से शुरू होकर 24 सितंबर तक चलेगा। 18, 19 व 20 सितंबर तक सत्र चलेगा। 21, 22 व 23 सितंबर को अवकाश है। विधानसभा सत्र में असरकारी कार्य दिवस के तौर पर 24 सितंबर को रखा गया है। सरकार की मंशा मानूसन सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने की तो है, लेकिन बजट खर्च को लेकर महकमों की सुस्ती आड़े आ गई है। वजह शासन स्तर से ही राज्य के कुल बजट प्रावधान का महज 55.21 फीसद यानी आधे से कुछ ही ज्याद बजट महकमों को जारी हुआ हो पाया है। 31 जुलाई तक प्रदेश के कुल बजट प्रावधान 45585.08 करोड़ के सापेक्ष 25168.95 करोड़ रुपये यानी 55.21 फीसद स्वीकृति जारी की गई है।
जिला सेक्टर में 550 करोड़ बजट के सापेक्ष 200 करोड़ यानी महज 36.36 फीसद स्वीकृति जारी की गई है। राज्य सेक्टर में बजट 35924.97 करोड़ के सापेक्ष 22101.62 करोड़ की स्वीकृति जारी हुई। केंद्रपोषित योजना में 7597.84 करोड़ रुपये बजट के सापेक्ष 2600.55 करोड़ यानी 34.23 फीसद और बाह्य सहायतित योजना में 1512.27 करोड़ के सापेक्ष 266.78 करोड़ यानी 17.64 फीसद स्वीकृति जारी की गई है। बजट खर्च की स्थिति अच्छी नहीं है। स्वीकृत बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं होने पर मुख्यमंत्री नाराजगी भी जता चुके हैं। चूंकि मुख्य बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं हो सका है, ऐसे में महकमों ने अनुपूरक मांगें शासन को भेजी नहीं हैं। इस वजह से मानसून सत्र में अब अनुपूरक बजट पेश करने की संभावनाएं क्षीण हैं। विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होना शेष है, इस वजह से महकमों ने अनुपूरक मांग नहीं की है। यदि अनुपूरक मांगें आई तो उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। हालांकि अनुपूरक मांगें आने की संभावना अब कम है। अनुपूरक बजट मानसून सत्र में पेश नहीं हुआ तो भविष्य में इसे जाने को 2018 की समाप्ति से पहले विधानसभा सत्र आहूत करना पड़ सकता है।