सुप्रीम कोर्ट से उपनल कर्मियों को मिली ऐतिहासिक जीत

देहरादून, । उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में 20-22 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से एक ऐतिहासिक जीत मिली है। उत्तराखंड सरकार द्वारा दायर एसएलपी को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उपनल कर्मियों को नियमित करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि वर्ष 2018 में  नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा एक जनहित याचिका पर उपनल कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया गया था। इसके अगेंस्ट तत्कालिक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के एआरओ राहुल प्रताप और उनकी टीम द्वारा मंगलवार को मामले पर जिरह की गई। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार द्वारा दायर एसएलपी को खारिज करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा 2018 मैं उपनल के पक्ष में दिए गए फैसले को यथावत रखते हुए सरकार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल ने कहा कि उपनल कर्मियों के लिए ख़ुशी का दिन है, आखिरकार उपनल कर्मियों का संघर्ष आज ऐतिहासिक फैसले के रूप में सामने आया है। उपनल महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष महेश भट्ट ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि देश की न्यायपालिका पर भरोसा था और आज उसका परिणाम जीत के रूप में हमारे सामने हैं। महासंघ के प्रदेश महामंत्री विनय प्रसाद ने सभी उपनल कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि देर हुई अंधेर नहीं हुई आखिरकार जीत का फैसला उन कर्मियों के पक्ष में आया जो वर्षों से अपनी सेवाएं विभागों में दे रहे हैं। महासंघ के सभापति विजयराम खंकरियल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह जीत उन उपनल कर्मियों की है जो वर्षों से विभागों में अपने तन मनसे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान उपनल महासंघ के पदाधिकारी कोर्ट परिसर में मौजूद रहे, इस आशय की जानकारी उपनल महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप चौहान ने दी।

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