काले-गोरे मां-बाप के बच्चे क्यों हो रहे हैं लाल-पीले, जानिये पूरी कहानी

गाजियाबाद  । गाजियाबाद का दुर्भाग्य कहें या प्रदूषण और पोषक तत्वों की कमी। काले-गोरे मां-बाप के बच्चे लाल-पीले हो रहे हैं। वह भी एक दो नहीं, बल्कि पूरे जिले में 26 हजार से अधिक बच्चे हैं जो लाल-पीले यानी अति कुपोषित और कुपोषित हैं।

तमाम प्रयास और लाखों का बजट खपाने के बावजूद जिले में कुपोषण सुधार की स्थिति महज 32 फीसद है। बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए महिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र भी शुरू किया गया है। इसके बावजूद इसका समुचित लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।

एक तरफ सुधार हो रहा है तो दूसरी तरफ अतिकुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ भी रही है। जून में 337 नए अतिकुपोषित बच्चे मिले हैं।

सूचना अधिकार के तहत मांगी जानकारी में मिली सूचना पूरे स्वास्थ्य विभाग के साथ -साथ गरीबों के लिए काम करने वाली संस्थाओं के लिए भी शर्मनाक स्थिति है।

विभाग ने सूचना में बताया है कि जिले में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों की संख्या 169750 है। इनमें से 154954 बच्चों का वजन मापने के अलावा मिड अपर आर्म सर्कमफ्रेंस (एमयूएसी) से जांच की गई।

इसमें पता चला कि 29132 बच्चे लाल-पीले यानी अति कुपोषित और कुपोषित थे। तमाम कोशिशों के बावजूद सिर्फ 9309 बच्चों में सुधार हुआ और अभी भी 26 हजार बच्चे लाल पीले हैं।

क्या है लाल, पीला व हरा

स्वास्थ्य विभाग बच्चों की माप एमयूएसी से करता है। इसमें बच्चे की भुजा में पट्टी लगाकर मापा जाता है, पट्टी में तीन रंग के निशान बने होते हैं हरा यानि स्वस्थ, लाल अतिकुपोषित और पीला कुपोषित।

अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र एनआरसी संचालित हो रहा है। उनमें दस बेड की सुविधा है, सभी बेड पर बच्चे इस समय भर्ती हैं। इसमें भर्ती कुपोषित बच्चों को भर्ती करने के दौरान उनके वजन और लंबाई की जांच करने के बाद नियमित तौर पर निगरानी की जाती है।

डॉ. दीपा त्यागी, (सीएमएस महिला अस्पताल) का मानना है कि बच्चे के साथ में रहने वाली मां को भी पोषक तत्वों के अलावा पचास रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है। एक बच्चे को जरूरत के अनुसार कम से कम 25 दिन के लिए भर्ती किया जाता है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनके गुप्ता का कहना है कि कुपोषण दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मैंने जबसे जिले का चार्ज लिया है स्वयं निगरानी कर रहा हूं और इसका सुखद परिणाम भी सामने आ रहा है। एक महीने में नौ हजार से अधिक बच्चों में सुधार हुआ है।

शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों पर एक नजर 
जिले में कुल बच्चे – 169750
वजन किए गए बच्चे – 164237
मई माह में लाल यानि अति कुपोषित – 9257
मई में पीले यानि कुपोषित – 19875
सुधार यानि लाल से पीले में 2204
जून में कुल लाल-पीले – 26204
सुधार का फीसद – 32

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *