तनख्वाह न मिलने से उठानी पड़ रही परेशानी

हल्द्वानी, । वन विभाग में दैनिक मजदूर की हैसियत से नौकरी करने वाले एक व्यक्ति की मौत के आठ माह बाद भी परिवार उसकी तनख्वाह का इंतजार कर रहा है, लेकिन इंतजार है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। हैरानी की बात ये है कि मृतक के तीन बेटे भी उसी जंगल में मजदूर हैं। उन्हें भी दो साल से वेतन नहीं मिला। साथियों के साथ अधिकारी के दर पर तनख्वाह की आस लेकर पहुंचा बेटा हमेशा की तरह आश्वासन साथ लेकर चला गया। वन विभाग द्वारा जंगल में पौधरोपण समेत अन्य काम करवाए जाते हैं। जंगल में दिनरात कड़ी मेहनत करने वाले इन लोगों को दैनिक श्रमिक (वॉचर) कहा जाता है। विभाग इन्हें 220 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से माह का 6600 भुगतान करता है। तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ परिसर में मजदूर मुकेश ने बताया कि उसके पिता बैगनी बिहारी पिछले दस साल से जंगल में मजदूरी करते थे। पिछले साल टीबी की चपेट में आने से उनका शरीर कमजोर होता गया, लेकिन तनख्वाह नहीं मिलने के कारण वो उपचार व उचित खानपान नहीं हो सका। वहीं बीमारी के बावजूद वो काम करते थे। बेटों को उम्मीद थी कि एक साथ पैसा मिलने पर कुछ दिन छुट्टी दिलाकर पिता का इलाज करवाएंगे, लेकिन बजट का रोड़े ने पिता की तनख्वाह अटका दी। इस साल एक जनवरी को पिता ने दम तोड़ दिया। मुकेश ने बताया कि उसके दो भाई नारायण और वीरेंद्र भी टांडा रेंज में काम करते हैं। किसी को दो साल से सैलरी नहीं मिली। मुकेश ने बताया कि पिता की मौत के वक्त रेंजर ने परिवार को 15000 रुपये दिए। जो कि अंतिम संस्कार में खर्च हो गए। ये पैसे विभाग ने नहीं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर मिले थे, जो बाद में लौटा दिए। राशन ने बनाया कर्जदार मृतक के बेटे के मुताबिक सैलरी नहीं मिलने के कारण घर में राशन खरीदने के लाले पड़ जाते हैं। इस वजह से अक्सर उधार मांग कर कमाना चलाना पड़ता है। विभाग कई मौकों पर 500-1000 थमा देता है। मुख्यालय से स्वीकृत होता है बजट डीएफओ कल्याणी नेगी ने कहा कि मजदूरों की स्थिति खराब है। वेतन का बजट मुख्यालय से स्वीकृत होता है। कई बार वहां प्रस्ताव बनाकर बजट मांगा गया है, लेकिन जारी नहीं होने की वजह से दिक्कत आ रही है। कभी-कभी भूखे रहकर दिन काटना पड़ता है। डीएफओ कल्याणी नेगी से श्रमिकों ने जल्द वेतन दिलवाने की गुहार लगाई। श्रमिकों ने बताया कि उन्हें दस दिन का आश्वासन मिला है। इस दौरान श्रमिक चंदन बिष्ट, दिनेश, मुकेश, योगेश्वर सिंह, नरेंद्र, मुकेश, सोहन लाल, वीर सिंह व नरेंद्र आदि मौजूद रहे।

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