प्रदेश को दिवालिया करने में आमादा त्रिवेन्द्र घर बैठे : रघुनाथ सिंह नेगी

देहरादून, । जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार के सत्ता संभालने से पहले प्रदेश के बाजारू कर्ज की रकम 20832.28 करोड़ तथा ब्याज की रकम 1535.09 करोड़ थी, लेकिन कमजोर आर्थिकी प्रबन्धन एवं माफियाओं से सांठगांव के चलते लगातार गिरते राजस्व के कारण सरकार ने इन दो सालों में (6660 $ 6300) 12960 करोड बाजारू कर्ज लेकर प्रदेश को गर्त में धकेलने को काम किया है। वर्ष 2018-19 में प्रदेश का बाजारू कर्ज बढ़कर 31951.59 करोड़ हो गया है तथा इसका ब्याज बढ़कर लगभग 2400 करोड़ हो गया है। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जो कर्ज लिया जा रहा है वो सिर्फ और सिर्फ अनुत्पादक मदों हेतु लिए जा रहा है, जिनका विकास से कोई लेना देना नहीं है। नेगी ने कहा कि पिछले 16-17 वर्षों में कर्ज की रकम चुकाने के बाद मात्र 20832 करोड़ रू0 की देनदारी थी, लेकिन त्रिवेन्द्र सरकार के समय में अचानक 12960 करोड़ की रकम ने प्रदेश की रीढ़ तोड़कर रख दी है। नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सत्ता संभालते ही माफियाओं की गोद में बैठ गये, जिस कारण सरकार के खजाने में आने वाला राजस्व सीधे इनकी जेबों में चला गया। मोर्चा ने मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र से अपील की, कि राज्य दिवालिया करने से पहले ही घर बैठें। पत्रकार वार्ता मे विनोद गोस्वामी, श्रवण ओझा, प्रवीण शर्मा पीन्नी, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।

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