तिवारी के निधन से देश में शोक की लहर

देहरादून, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का गुरुवार दोपहर को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष के थे। एनडी तिवारी के निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति तथा शोकाकुल परिजनों को सांत्वना प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। अपने शोक संदेश में मुंख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ‘‘उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पं.नारायण दत्त तिवारी जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करता हूं। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति व परिजनों को दुःख सहने की प्रार्थना करता हूं। तिवारी जी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है, विरोधी दल में होने के बावजूद उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर रहकर सदैव अपना स्नेह बनाये रखा। श्री तिवारी के जाने से भारत की राजनीति में जो शून्य उभरा है, उसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है। तिवारी जी देश के वित्त मंत्री, उद्योग मंत्री और विदेशमंत्री जैसी अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।उत्तराखण्ड श्री तिवारी के योगदान को कभी नहीं भुला पाएगा, नवोदित राज्य उत्तराखण्ड को आर्थिक और औद्योगिक विकास की रफ्तार से अपने पैरों पर खड़ा करने में तिवारी जी ने अहम भूमिका निभाई।’’उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नारायण दत्त तिवारी के निधन पर शोक प्रकट किया। अपने शोक संदेश में श्री अग्रवाल ने कहा है कि स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी भारतीय राजनीति के पुरोधा थे स उन्होंने जीवन पर्यंत समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर कार्य किया। श्री अग्रवाल ने कहा है कि स्वर्गीय तिवारी के निधन से न केवल उत्तराखंड प्रदेश बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूर्ण क्षति हुई है। श्री अग्रवाल जी ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा है कि स्वर्गीय श्री नारायण दत्त तिवारी जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं परिवार को इस दुख की घड़ी से उभरने के लिए शक्ति प्रदान करें।

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