यहां बाघों की हर गतिविधि की होगी निगरानी, लगेंगे रेडियो कॉलर

ऋषिकेश : राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) पार्क के दक्षिणी हिस्से में बाघ शिफ्टिंग से पहले यहां मौजूद दो मादा बाघों पर कॉलर लगाने की तैयारी चल रही है। बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इसके लिए विशेष प्रशिक्षित वन कर्मियों की टीम ने मोतीचूर में डेरा डाल दिया है।

मंगलवार रात से टीम ने जंगल में मोर्चा संभाला हुआ है। टीम यहां बाघों को ट्रेंकुलाइज करेगी, ताकि उन पर कॉलर लगाया जा सके। राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए यहां कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तराई क्षेत्र से पांच बाघ शिफ्ट किए जाने हैं।

आरटीआर प्रशासन लंबे समय से इस कवायद में जुटा है, लेकिन बाघ शिफ्टिंग से पहले यहां मौजूद दो मादा बाघों को ट्रैंकुलाइज कर उनके गले में रेडियो कॉलर लगाया जाना है। ताकि इसके जरिये पूरी योजना की निगरानी की जा सके। इस कार्य में वन कर्मियों की एक प्रशिक्षित टीम जुटी हुई है।

विदित हो कि आरटीआर के दक्षिणी हिस्से मोतीचूर, बेरीवाड़ा और धौलखंड रेंज में सिर्फ दो मादा बाघ मौजूद हैं। इनकी उम्र छह वर्ष के आसपास है और यह लगभग तीन साल से यहां एकाकी जीवन बिता रहे हैं। आरटीआर प्रशासन इन दिनों दोनों मादा बाघों की लोकेशन तलाश रहा है। मंशा यह है कि इनका अकेलापन दूर करने के साथ ही पार्क में बाघों की संख्या बढ़ाई जा सके। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से दो नर व तीन मादा बाघ यहां शिफ्ट करने की अनुमति दी हुई है।

तैयार हो गया बाड़ा 

मादा बाघ के मुख्य वासस्थल के करीब एक हेक्टेयर क्षेत्र को बाड़े में तब्दील किया गया है। इसमें नर बाघ को छोड़ा जाएगा, ताकि दोनों साथ-साथ रह सकें। बाड़ा तैयार करने के लिए 45 लाख रुपये मंजूर किए गए, जबकि बाघ शिङ्क्षफ्टग योजना के लिए तीन करोड़ स्वीकृत हैं।

पर्यटकों के लिए बंद रहेगी रेंज

टाइगर शिफ्टिंग के दौरान मोतीचूर रेंज पर्यटकों के लिए बंद रखी जाएगी। पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया जाएगा। हालांकि, अभी इसकी तिथियां नियत नहीं की गई हैं। पार्क अधिकारियों के मुताबिक बाघ पर कॉलर लग जाने की बाद ही इस संबंध में सूचना जारी की जाएगी।

योजना पर चल रहा काम 

राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर के मुताबिक राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघ शिफ्टिंग की योजना पर काम चल रहा है। मोतीचूर में मौजूद मादा बाघ को रेडियो कॉलर लगाया जाना है, ताकि इसके जरिये पूरी योजना की निगरानी की जा सके। इसी माह यह काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है।

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