भोपाल गैंगरेप: पढ़िए पीड़िता का बयान, जिसमें दर्ज है चार घंटे की दहला देने वाली दास्तां

भोपाल। ‘शक्ति’ ने आखिरी तक हार नहीं मानी और चार घंटे तक चार दरिंदों के साथ संघर्ष करती रहीं। जी हां ‘शक्ति’ नईदुनिया ने ये काल्पनिक नाम उस छात्रा को दिया है जो 31 अक्टूबर की शाम हबीबगंज स्टेशन के पास चार दरिंदों का शिकार हुई और उसके साथ हैवानियत की तमाम हदों को पार करते हुए छह बार ज्यादती की गई। इन चार घंटों में शक्ति ने एक बार भी अपना होश नहीं खोया और खुद पुलिस स्टेशन पहुंच चारों दरिंदों के नाम और कपड़ों के कलर हूबहू बताया और बाद में खुद ही एक आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले भी किया।

शक्ति की पूरी कहानी वो मिसाल है जिसमें एक बहादुर बेटी की निर्भयता, जीवटता, संघर्ष और विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत न हारने का सबक मिलता है। ये वो पंक्तियां हैं जो 31 अक्टूबर को हबीबगंज स्टेशन के पास दुष्कर्म का शिकार हुई छात्रा ने पुलिस के दिए अपने लिखित बयान में कही हैं। शक्ति के बयान में उन चार घंटों की दास्तां इस तरह निकल कर आई है ..

‘मैं कक्षा 12 वीं पास कर चुकी हूं, अभी भोपाल में यूपीएससी की कोचिंग कर रही हूं। 31 अक्टूबर को अपनी कोचिंग से शाम सात बजे एमपी नगर से रेल लाइन होते हुए हबीबगंज स्टेशन जा रही थी, तभी आउटर सिंग्नल से चालीस-पचास मीटर हबीबगंज स्टेशन की तरफ आई तो एक लड़का जो पटरियों के पास ही खड़ा था, मैं पटरियों की बीच से चलते हुए आगे बढ़ने लगी तो वह पटरियों के बीच में मेरे सामने खड़ा हो गया, मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने अपना हाथ छुड़ाने के लिए उसे एक लात मारी तो वह मेरे साथ पटरियों के बीच में ही जबरदस्ती करने लगा।

वह लड़का छोटे कद का था और उसकी छोटी दाढ़ी थी तभी उसने अमर घंटू आवाज देकर अपने एक दोस्त को बुलाया। बुलाने पर उसका दोस्त गोलू बिहारी मैं आ रहा हूं बोलते हुए दौड़कर वहां आ गया, यह थोड़ा लंबा सा था। उसके बाद उन्होंने मुझे पटरी के बगल में नाले की तरफ खींच लिया तो नाले में जहां कचरा पड़ा था वहां पर मुझे उन दोनों लड़कों ने नाले के नीचे गिरा दिया। वो मुझे घसीट कर पुलिया के अंदर ले गए फिर मैंने उन्हें पत्थर उठा कर मारा तो एक लड़का जो थोड़ा लंबा सा था उसने मुझे पीठ पर पत्थर से बुरी तरह से मारा उसके बाद उन लोगों ने मेरे दोनों हाथ बांधे और दोनों ने बारी-बारी से बुरा काम किया।

इसके बाद अमरघंटू नाम का लड़का मुझे वहीं पकड़े बैठा रहा और एक दूसरा लड़का गोलू बिहारी वो कपड़ा लाने का बोलकर चला गया। करीब 10-15 मिनट बाद वो लड़का कपड़ा लेकर आया उसने मुझे कपड़े पहनने को दिए। वो पुलिया की दूसरी तरफ लेकर गए जहां उनके साथ वाले दो व्यक्ति थे। उन लोगों ने भी मेरे साथ गंदा काम किया। उन्होंने करीब दो-तीन घंटे रोककर रखा बाद में जो आए थे चले गए। उसके बाद पहले वाले दो लड़के अमरघंटू और गोलू बिहारी ने मेरे साथ फिर से गलत काम किया और उन्होंने मेरा मोबाइल फोन और मेरे कानों की सोने की बाली और मेरी घड़ी भी ले ली। फिर वे मुझे छोड़कर चले गए। उसके बाद मैं पांस में आरपीएफ थाना हबीबगंज गई और वहां से अपने पिताजी को फोन किया।’

News Source: jagran.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *