उच्च हिमालयी क्षेत्र में द्वितीय रक्षा पंक्ति धीरे-धीरे खाली होने लगी

गोपेश्वर । चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड में चीन सीमा से लगी नीती व माणा घाटी रहने वाले भोटिया जनजाति के लोगों को देश की द्वितीय रक्षा पंक्ति का दर्जा हासिल है। लेकिन उच्च हिमालयी क्षेत्र में शीत का प्रकोप बढ़ने के साथ ही ये सभी निचले स्थानों के लिए माइग्रेट होने लगते हैं। इन दिनों भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है।
द्वितीय रक्षा पंक्ति धीरे-धीरे खाली होने लगी है। जाहिर है ऐसी स्थिति में सीमा पर सेना की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। भोटिया हिमालयी लोग हैं, जो नौंवी शताब्दी या उसके बाद तिब्बत से दक्षिण की ओर उत्प्रवास करने वाले माने जाते हैं। इस जनजाति के लोगों को भोटिया, भोट और भूटानी भी कहा जाता है।
भोटिया जनजाति के ज्यादातर लोग पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। उत्तराखंड के तिब्बत से लगे सीमांत इलाकों के निवासी हैं। इनकी आबादी पारंपरिक रूप से पिथौरागढ जिले के धारचूला, मुन्स्यारी, डीडीहाट, बागेश्वर जिले के दानपुर क्षेत्र के साथ ही चमोली और उत्तरकाशी जिलों में समुद्र तल से लगभग 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में पाई जाती हैं।

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