हवाई चप्पल पहनने वाला अब हवाई जहाज में यात्रा कर सकेगा, सिविल एविएशन के लिए 6602 करोड़

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नागर विमानन मंत्रालय के बजट में अभूतपूर्व वृद्धि करने का प्रस्ताव आम बजट में रखा है. अगले वित्त वर्ष के लिए इस मंत्रालय को 6,602.86 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो कि जारी वित्त वर्ष में आवंटित राशि से तीन गुने अधिक हैं. जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में यात्रा कर सकेगा.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा, “भारत के लिए अगली पीढ़ी के हवाई अड्डे (एनएबीएच) निर्माण पहल के तहत हमारा उद्देश्य अपने हवाई अड्डों की क्षमता को पांच गुना बढ़ाकर एक साल में एक अरब यात्रा लायक बनाने की है.”

नागर विमानन मंत्रालय को अगले वित्त वर्ष के लिए आवंटित राशि में एक बड़ा हिस्सा वीवीआईपी उड़ानों के लिए उपयोग होने वाले “दो नए विमानों” की खरीद के लिए है.  यह आवंटन चालू वित्त वर्ष में मंत्रालय को आवंटित की गई राशि का तीन गुना है. चालू वित्त वर्ष के लिए मंत्रालय को 2,710.31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.

आज पेश केंद्रीय बजट 2018-19 में नागर विमानन मंत्रालय के लिए 6,602.86 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.  बजट दस्तावेज के अनुसार, कुल राशि में 4,469.50 करोड़ रुपये दो नए विमानों की खरीद के लिए होंगे. दो नए विमान बोइंग 777-300 ईआर का इस्तेमाल वीवीआईपी उड़ानों के परिचालन के लिए होगा. इसके अतिरिक्त, अगले वित्त वर्ष के लिए उड़ान या क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के लिए 1,014.09 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. जबकि चालू वित्त वर्ष में इस मद में 200.11 करोड़ आवंटित किए गए थे.

कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया को 2018-19 में पुनरुद्धार योजना के तहत 650 करोड़ रुपये का बजटीय सहयोग प्राप्त हुआ है. चालू वित्त वर्ष में इसके लिए 1,800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. दस्तावेज के मुताबिक, एयर इंडिया को आईईबीआर (आंतरिक और अतिरिक्त बजटीय संशोधन) के माध्यम से अगले वित्त वर्ष में 506 करोड़ रुपये मिलेंगे.
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के मामले में बजटीय आवंटन 2017-18 में 149.93 करोड़ रुपये से घटाकर 2018-19 में 73.31 कर दिया गया है. एएआई आईईबीआर के माध्यम से 4,086 करोड़ रुपये जुटाएगा.

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