इतिहास रचने जा रही थी टीम इंडिया तब ‘द हूफ’ के हाथ में आई गेंद और फिर…

नई दिल्ली: 2005 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मैच में रन का पीछा करने का जो दबाव भारतीय महिला टीम के ऊपर था रविवार को एक बार फिर उसी दबाव ने टीम को इतिहास रचने से रोक दिया. अच्छी शुरुआत के बावजूद सिर्फ 29 रन पर आखिरी सात विकेट गवां कर टीम इंडिया 9 रन से मैच हार गई और लॉर्ड्स के मैदान पर एक खास रिकॉर्ड बनाने से चूक गई. अगर रविवार को भारत फाइनल मैच जीत जाता तो यह पहली बार होता जब किसी देश की पुरुष और महिला टीम ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल किया होता. 1983 में भारतीय पुरुष टीम ने इस मैदान पर इतिहास रचते हुए वर्ल्ड कप जीता था. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट पर 228 रन बनाए थे.

इंग्लैंड की तरफ से नेटली स्कीवर ने सबसे ज्यादा 51 रन बनाए. भारत की तरफ झूलन गोस्वामी ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में सिर्फ 23 रन देकर 3 विकेट लिए.

दो रन आउट भारत के लिए घातक साबित हुए : भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही. टीम के सिर्फ पांच रन के स्कोर पर स्मृति मंधाना बिना खाते खोले पैवेलियन लौट गईं. कप्तान मिताली राज और पूनम राउत के बीच दूसरे विकेट के लिए 38 रन की साझेदारी हुई, लेकिन भारत का स्कोर जब 43 रन था तब मिताली रन आउट हो गईं. यह रन आउट भारत के लिए घातक साबित हुआ. इस टूर्नामेंट में मिताली ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाए. तीसरे विकेट के लिए हरमनप्रीत कौर और पूनम राउत के बीच 95 रन की साझेदारी हुई. जब भारत का स्कोर 138 रन था तब 51 रन बनाकर कौर आउट हो गईं. चौथे विकेट के लिए राउत और वेदा कृष्णामूर्ति के बीच 53 रन की साझेदारी हुई. ये दोनों बल्लेबाज जब मैदान पर थे तो यह लग रहा था कि भारत इस मैच को आसानी से जीत जाएगा, लेकिन पूनम राउत के 86 रन पर आउट हो जाने के बाद भारत के ऊपर दवाब बढ़ता गया और टीम इंडिया ने अपने आखिरी छह विकेट सिर्फ 29 रन पर गवां दिए. मिताली राज की तरह अहम समय पर शिखा पांडे भी रन आउट हो गईं. फाइनल मैच में दो रन आउट भारत के ऊपर भारी पड़े.

‘द हूफ’ के नाम से प्रसिद्ध अन्या श्रुब्सोले ने छीन ली भारत से जीत : 191 रन पर सिर्फ तीन विकेट गवां कर जब टीम इंडिया एक सुनिश्चित जीत की तरफ बढ़ रही थी तब ‘द हूफ’ के निकनेम से प्रसिद्ध अन्या श्रुब्सोले गेंदबाज़ी करने आईं और भारत से मैच छीन लिया. अगर इंग्लैंड के लिए किसी एक खिलाड़ी ने मैच जीताने का काम किया तो वह है अन्या श्रुब्सोले. 42 ओवरों के बाद भारत का स्कोर तीन विकेट पर 191 रन था. मैदान पर पूनम राउत और वेदा कृष्णमूर्ति मौजूद थे तब श्रुब्सोले गेंदबाज़ी करने आईं. श्रुब्सोले की पहली दो गेंदों पर कृष्णमूर्ति ने दो शानदार चौके भी लगाए लेकिन शानदार वापसी करते हुए श्रुब्सोले ने पांचवे गेंद पर सेट बल्लेबाज पूनम राउत को आउट कर दिया. फिर अपने अगले ओवर में श्रुब्सोले ने कृष्णमूर्ति और झूलन गोस्वामी का विकेट लिया.

48 ओवरों के बाद भारत का स्कोर आठ विकेट पर 218 रन था. भारत को जीतने के लिए आखिरी 12 गेंद पर 11 रन की जरूरत थी तब 49वां ओवर गेंदबाज़ी करने के लिए श्रुब्सोले आईं और पहली गेंद पर दीप्ति शर्मा को आउट किया और फिर इसी ओवर की चौथी गेंद पर राजेश्वरी गायकवाड़ को बोल्ड कर दिया और इसी के साथ इंग्लैंड को शानदार जीत दिलाई. सिर्फ इतना ही नहीं शिखा पांडे के रन आउट के पीछे भी श्रुब्सोले का हाथ था.

करियर का सबसे शानदार प्रदर्शन : अन्या श्रुब्सोले का करियर का यह सबसे शानदार प्रदर्शन है. श्रुब्सोले ने 9.4 ओवर की गेंदबाज़ी करते हुए 46 रन देकर 6 विकेट लिए. इससे पहले श्रुब्सोले का सबसे अच्छा प्रदर्शन साउथ अफ्रीका के खिलाफ था. 10 फरवरी 2013 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 10 ओवरों में 17 रन देकर 5 विकेट लिए थे. अगर वर्ल्ड कप की बात की जाए तो सबसे अच्छा प्रदर्शन के मामले में श्रुब्सोले तीसरे स्थान पर पहुँच गई हैं. महिला वर्ल्ड कप में गेंदबाजी में सबसे अच्छा प्रदर्शन जैकी लार्ड के नाम है. 14 जनवरी 1982 को लार्ड ने भारत के खिलाफ 8 ओवर गेंदबाजी करते हुए 10 रन देकर 6 विकेट लिए थे. इसे पहले भी श्रुब्सोले ने कई शानदार प्रदर्शन किए हैं. 2014 के महिला टी-20 वर्ल्ड कप में भी श्रुब्सोले ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए ‘वीमेन ऑफ द सीरीज’ का खिताब अपने नाम किया था. अब तक श्रुब्सोले ने कुल मिलाकर 46 एकदिवसीय मैच खेलते हुए 45 विकेट लिए हैं.

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