नई शिक्षा नीति भारत के विश्वगुरु बनने के संकल्प में मददगार साबित होगी: निशंक

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के मिशन को साकार बनाने के लिए मानवीय मूल्यों के साथ ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार को समाहित करते हुए भारत के विश्वगुरु बनने के संकल्प में सहायक साबित होगी। डॉ निशंक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कायार्न्वयन को लेकर एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा “मुझे उम्मीद है कि सम्मेलन में डिजिटल माध्यम से उपस्थित देश-विदेश के शिक्षाविद, कुलपति गण, वैज्ञानिक, प्रशासक, शोधार्थी, विद्यार्थी सभी मिलकर हमारी नई नीति के क्रियान्वयन संबंधी एक सार्थक विचार-विमर्श करेंगे जिससे एक ज्ञान का प्रकाश पुंज बाहर निकलेगा, वह हमारे देश को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था तथा ज्ञान की दुनिया के सबसे बड़े नायक के रूप में स्थापित करेगा।”उन्होंने लीडरशिप की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि नीति निर्माण एक मूलभूत एवं नीतिगत विषय है और नीति क्रियान्वयन रणनीतिक विषय है। इन दोनों के बीच सबसे अहम रोल लीडरशिप का होता है, ऐसी लीडरशिप जो नीति को ज़मीन पर उतार सके। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपति, निदेशक, महानिदेशक एवं विभागाध्यक्षों का आह्वान करते हुए उन्होनें कहा कि आप सभी लीडरों से यह अपेक्षा है कि भारतीय शिक्षण प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण और सशक्तिकरण आपके माध्यम से होगा और शिक्षा की नई लहर भारत के हर छात्र और हर कोने तक पहुंचेगी।डॉ निशंक ने छात्रों एवं शिक्षकों को नई शिक्षा नीति का ब्रांड एंबेसडर बताया और उनसे इस नीति के लिए कार्य योजना बनाने  का आग्रह किया। उन्होनें कहा, “इस नीति के लिए न केवल  कार्य योजना बनानी है बल्कि उसे समयबद्ध कर किस प्रकार क्रियान्वित किया जा सकता है, इस पर भी काम करने की जरूरत है। हम विश्वविद्यालय, संस्थानों की स्वायत्त्ता, उनके प्रशासन, उनके सशक्तिकरण और विकेंद्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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