मानसिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता : एम्स निदेशक

ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में मनोरोग प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत चिकित्सकों को सामान्य व गंभीर किस्म के मानसिक रोगों के कारण,पहचान व समाधान संबंधी जानकारियां दी। प्रशिक्षण शिविर में मानसिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक किए जाने जरूरत बताई गई। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री रवि कांत ने कहा कि मानसिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि प्राइमरी हेल्थ सेंटर में कार्यरत चिकित्सक इस मामले में अहम भूमिका निभा सकते हैं। एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने इस विषय में संस्थान व निम्हांस द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम का महत्व बताया।उन्होंने कहा कि एम्स संस्थान राज्य में मानसिक रोगियों की समस्याओं के निदान के लिए अपनी भूमिका सुनिश्चित करेगा। कार्यशाला में डा.विक्रम सिंह रावत ने बताया कि आमतौर पर सामान्य व गंभीर मानसिक बीमारियां होती हैं। आम बीमारी में उदासी की परेशानी डिप्रेशन में मरीज को गहन उदासी का अनुभव होता है, उसकी हर चीज में रुचि खत्म हो जाती है और मरीज नकारात्मक विचारों से घिर जाता है। जबकि गंभीर रोग में मरीज में आत्महत्या से जुड़े विचार आने लगते हैं। दस में से एक व्यक्ति में इस तरह की परेशानी पाई जाती है। डा.अनिंद्या दास ने बताया कि सामान्य मानसिक बीमारी में अकारण घबराहट की परेशानी, दिमाग में तरह तरह के विचारों के चलते रहना, चिंता में डूबे रहना हाथ पैरों में कंपन व पसीना आना, सीने में जकड़न व दिल का तेजी से धड़कना आदि लक्षण मिलते हैं। निम्हांस से आई प्रो.प्रभा चंद्रा ने शराब, अफीम व अन्य प्रकार का नशा करने से भी व्यक्ति इस तरह के रोग से ग्रस्त होने लगते हैं, ऐसे रोगियों को बार बार नशा करने का मन करता है और समय के साथ साथ ज्यादा नशा लेने की जरुरत पड़ने लगती है। नशा नहीं लेने की स्थिति में शरीर पर असहनीय प्रभाव होते हैं लिहाजा मरीज को नशा लेना ही पड़ता है जिससे उसका पूरा ध्यान इसी में अटक जाता है।डा.नवीन ने सिजोफ्रेनिया, साइकोसिस जैसी बाईपोलर डिस्ऑर्डर गंभीर बीमारियां होती हैं, इनमें रोगी को शक,बहम की शिकायत, कानों में कुछ आवाजें सुनाई देने की शिकायत रहती है। इस स्थिति में मन के भाव में बार बार परिवर्तन होता है। इस स्थिति में रोगी गहन उदासी में रहता है।
एम्स मनोरोग विभागाध्यक्ष डा.रवि गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य पीएचसी को आम मानसिक बीमारियों के बारे में सजग करना है जिससे चिकित्सक मरीज में इन बीमारियों की अपने स्तर से पहचान कर प्राथमिक उपचार शुरू कर सकें। इस अवसर पर एम्स के डा.विशाल धीमान,डा.जितेंद्र रोहिला, डा. अनुरुद्ध वासू,निम्हांस के डा.मंजूनाथ व डा.संतोष आदि मौजूद थे। एम्स में उपलब्ध है मानसिक रोगों का उपचार। संस्थान के मनोरोग चिकित्सा विभाग के प्रमुख डा.रवि गुप्ता ने बताया कि संस्थान में ओपीडी व वार्ड के माध्यम से मनोरोग उपचार सुविधा उपलब्ध है। बताया कि प्रतिदिन जनरल ओपीडी व सप्ताह में पांच दिन स्पेशल क्लिनिक संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि स्पेशल क्लिनिक में सोमवार को वृद्धजनों को, मंगलवार को बच्चों,बुधवार को नशे से जुड़ी समस्याओं, बृहस्पतिवार को नींद से जुड़ी व शुक्रवार को न्यूरो साइकेट्रिक क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है।

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