गरमाया बैरागी अखाड़ों का मुद्दा, मंत्री कौशिक और कुंभ मेलाधिकारी भी पहुंचे

हरिद्वार । जूना अखाड़ा मायादेवी परिसर स्थित भैरव मंदिर प्रांगण में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई है। बैठक में बैरागी अखाड़ों की अनदेखी और उन्हें बैरागी कैंप से बेदखल किए जाने का मामला गरमा गया मामले को सुलझाने के लिए शहरी विकास मंत्री स्वास्थ्य की प्रवक्ता मदन कौशिक और कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत भी बैठक में पहुंच गए हैं।श्रीमहंत धर्मदास और श्री महंत राजेंद्र गिरी इस बात को लेकर खासे आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि शासन और प्रशासन बैरागी कैंप में अरबों की सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जों और अतिक्रमण को तो नहीं हटा रहा, लेकिन सनातन युग से चली आ रही बैरागी अखाड़ों की परंपरा को खत्म करने पर तुला हुआ है। उनका कहना है कि यह क्षेत्र बैरागी अखाड़ों के नाम से जाना-पहचाना जाता है और वे यहां से कहीं नहीं जाएंगे। इसके विपरीत उन्हें दूसरी जगह पर भूमि देने का प्रस्ताव किया गया है, जिसको अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। बैरागी अखाड़ों का ये भी कहना है कि उन्हें रुपए-पैसे और दूसरी जगह पर भूमि की आवश्यकता नहीं है। वह अपनी परंपरा को निभाना और आगे जारी रखना चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वे इसके लिए दूसरा रास्ता चयनित करने को स्वतंत्र हैं।बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान नरेंद्र गिरी ने हाईवे शहरी क्षेत्र की सड़कों की खस्ताहाल स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से यह लगता है कि सरकार और मेला प्राधिकरण तुम को लेकर कतई गंभीर नहीं है। उन्होंने मांग की कि यह सभी कार्य दिसंबर के पहले पखवाड़े में पूरे कर लिए जाएं, क्योंकि दिसंबर से संत-महात्माओं का आना शुरू हो जाएगा।

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