अध्यात्म के साथ करोना से बचाव भी करने मे सक्षम है गीता : स्वामी रूकमणी कॄष्ण प्रभू 

 देहरादून । इस्कान टैम्पल इंटरनैशनल की देहरादून शाखा मे  पंजाबी बाग दिल्ली से देहरादून शाखा मे  पधारे श्री रूकमणी कॄष्ण प्रभू जी ने अपने उपदेश मे कहा कि मनुष्यो ने अध्यात्म से जो दूरी बनाकर संसारिक विषयो मे रम कर खान पान आहार और व्यवहार बदले है उसी का परिणाम आज पूरा विश्व करोना के रूप मे भुगत रहा है । मनुष्यों के हर सवाल का जवाब खुद भगवान श्रीकृष्ण ने पांच हजार साल पहले ही गीता मे लिख दिया था मगर मनुष्य अपने लोभ मोह और अहंकार के चलते समय समय पर संकटो का सामना करता है प्रभु जी ने बताया  कि यदि हर कोई सेवा , हरिनाम और दान मे तो असंतुष्ट रहे  मगर भोजन , जीवन-संगिनी, और अपनी कमाई से संतुष्ट रहे तो मनुष्य भगवान के करीब जा सकता है मनुष्य को अपने शरीर के साथ साथ आत्मा की मुक्ति का प्रयास करना भी उतना ही जरूरी है जितना कि शरीर के लिए भोजन इस सत्संग मे दिल्ली से स्कान चेयरमैन श्री   ॠषी कुमार स्कान टैम्पल देहरादून के वी सी श्री जगदीश  हरी दास जाखन श्रेत्र की नगर निगम पार्षद जया जोशी डिफैस कालोनी  पार्षद राकेश पंडित डाक्टर अभय श्रीवास्तव सचित नागलिया गौरव कश्यप पंकज सैनी  ओ पी शर्मा वरिष्ठ पत्रकार अनिल मित्तल सहित सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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