कोविड से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए विभाग को शासनादेश का है इंतजार

देहरादून । प्रदेश में पिछले दो महीने के भीतर 137 बच्चों के माता पिता या फिर दोनों में से किसी एक की कोविड से मौत के मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इन बच्चों के लिए वात्सल्य योजना की घोषणा की है, लेकिन इस तरह के बच्चों का पता लगाने में जुटे विभाग को इन बच्चों की मदद के लिए शासनादेश का इंतजार है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इन बच्चों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। प्रदेश में वात्सल्य योजना की घोषणा के बाद लगातार इस तरह के बच्चों के मामले सामने आ रहे हैं। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की ओर से हर जिले में विभिन्न माध्यमों से इस तरह के बच्चों का पता लगाया जा रहा है। विभाग को पिछले दो महीने के भीतर इस तरह के बच्चों के अब तक जो आकड़े मिले हैं। उसमें प्रदेश में सबसे अधिक 42 बच्चे हरिद्वार जिले के हैं, जो अपने माता पिता या फिर दोनों में से किसी एक को कोविड की वजह से खो चुके हैं। जबकि नैनीताल में 23 और देहरादून में 17 मामले अब तक सामने आए हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि योजना के प्रस्ताव को कैबिनेट या फिर मुख्यमंत्री ने अपने विशेषाधिकार से अब तक मंजूरी नहीं दी। यही वजह है कि इसका शासनादेश नहीं हो पाया है।

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