प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को पत्रकारों की समस्याओ से अवगत कराया
देहरादून, । पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। यूनियन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पिछले बीस वर्षों से पत्रकार मान्यता समितियों का गठन नहीं हुआ है जिस कारण सरकारी स्तर पर मान्यताएं दी जा रहीं है। जो कि लोकतांत्रिक भावनाओं एवं दशकों से चली आ रहीं परम्पराओं के खिलाफ है। इसके अलावा सभी पत्रकारों को इलाज के लिए कैशलेस सुविधा का लाभ दिलाया जाने पर भी बात हुयी। यूनियन ने सीएम को बताया कि इस सुविधा का लाभ केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही मिल पा रहा है। इस सुविधा के लाभ से 75 प्रतिशत पत्रकार अभी भी वंचित है। मुख्यमन्त्री से अन्य राज्यों की भांति पत्रकारों को बीमा सुविधा उपलब्ध कराने व लघु एवं मझोले समाचार पत्रों को कम से कम दो लाख रूपये के विज्ञापन जारी किए जाने के सम्बन्ध में भी बातचीत की गयी।मुख्यमंत्री का ध्यान यूनियन ने सचिव सूचना द्वारा 25 जून 2021 के सन्दर्भित पत्र की ओर भी दिलाया जिसमें पत्रकार पेंशन योजना की वर्तमान नियमावली में पूर्ववर्ती सभी शासनादेशों को अतिक्रमण करते हुए तत्काल प्रभाव से नई शर्तों एवं प्रतिबंधें को लागू किया है। यूनियन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि पत्रकार पेंशन योजना में जो भी परिवर्तन किए गए है उन पर न तो पत्रकारों की राय ली गई है और न ही पत्रकारों के समक्ष इस विषय को लाया गया है। गुपचुप तरीके से पत्रकार पेंशन योजना की नियमावली में बेतुके शर्त और प्रतिबंध थोप दिए गए। जो कि सर्वथा अनुचित एवं पत्रकारों के हितों के खिलाफ है। यूनियन ने मुख्यमंत्री को पत्रकारों की समस्याओं व पत्रकार पेंशन योजना के सन्दर्भ में पत्र सौंपते हुए मांग की कि पत्रकार पेंशन योजना के पूर्ववर्ती शासनादेशों को बहाल किया जाये । सचिव सूचना के उन नए आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये जो पत्रकारों के हितों के खिलाफ है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनियन की सभी मांगों को गंभीरता से लेते हुए प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही की जायेगी। प्रतिनिधिमंडल में जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह, आईजेयू के नेशनल काउन्सिलर गिरीश पंत एवं यूनियन के देहरादून जिला इकाई के अध्यक्ष चेतन सिंह खड़का शामिल थे।