धर्मान्तरण के केस वापस होंगे
भोपाल। दलितों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के फैसले के बाद अब कमलनाथ सरकार बीजेपी राज में दर्ज दूसरे केस भी वापस लेने की तैयारी में है। कमलनाथ सरकार में कानून मंत्री पीसी शर्मा ने इस बात के संकेत दिए कि पिछले 15 वर्षों के दौरान बीजेपी शासन में ईसाइयों के खिलाफ दर्ज हुए राजनीतिक मामलों को वापस लिया जाएगा।दरअसल, राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के बैनर तले ईसाई समुदाय के लोगों का प्रतिनिधिमंडल कानून मंत्री पीसी शर्मा से मिलने पहुंचा था। मुलाकात के दौरान ईसाई समुदाय के लोगों ने कानून मंत्री को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में साल 2003 से लेकर साल 2018 तक धर्मांतरण के करीब 300 झूठे मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक फादर डॉ। आनंद मुंटूगल ने बताया कि साल 2003 में जब से बीजेपी सरकार आई, तब से ईसाईयों पर कांग्रेस कार्यकर्ता होने का आरोप लगाकर धर्मांतरण के फर्जी मामले बनाए गए।
बीजेपी और उससे जुड़े कट्टरवादी संगठनों का मानना है कि ईसाई समुदाय से जुड़े लोग कांग्रेस समर्थक हैं और इसलिए हमारे खिलाफ सामाजिक, शैक्षणिक व धार्मिक गतिविधियों के आधार पर स्थानीय शासन की मदद से फर्जी मामले दर्ज किए गए। फादर मुंटूगल ने बताया कि ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों ने कानून मंत्री से 3 प्रमुख मांग की है, जिसमें साल 2003 से 2018 तक सूबे में ईसाईयों पर दर्ज मुकदमों की जांच की जाए, ईसाईयों को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाए और झूठे मामले बनाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा की माने तो जो भी मामले बदले की भावना से दर्ज किए गए हैं, उनको वापस लिया जाएगा और ईसाई समाज के लोगों को राहत दी जाएगी।